मधुराविजयम् /704
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  2)
  
  
  
   
  
  
  
तथा न कर्पूरभरैः
तदनु क्षणदागमोल्लसत्
तदनु पद्मवनी
   
  
  
  
तदमंसत मांसलं
   
  
  
  
तदाननं तस्य सुगन्धि
तदेवमात्मन्यवधार्य
   
  
  
  
तदेवमुज्जृम्भित
तद्दन्दुभिप्रतिध्वान
   
  
  
  
तन्मदीयमिदं काव्यं
   
  
  
  
तमञ्जलिभिरानम्र
   
  
  
  
तमरातिनराधिनाथनारी
   
  
  
  
तमसूचयदाप्तेभ्यो
   
  
  
  
तमहरन्नहरत्यय
   
  
  
  
तरणेररुणीकृताः
   
  
  
  
तरलालसतारकं
   
  
  
  
तरलिताङ्गळुलिताडित
   
  
  
  
तं वीरपाणाधिक
   
  
  
  
तस्मिन्निति व्याप्त
   
  
  
  
तस्मिन्विसर्पति त्रास
   
  
  
  
तस्य दिक्षु प्ररोहन्त्याः
   
  
  
  
तस्यासीद्विजया नाम
   
  
  
  
तामम्जुगर्भामिव
तार्किका बहवस्सन्ति
   
  
  
  
तिक्कय ज्व
   
  
  
  
तिग्मांशोरपि
   
  
  
  
तिमिरेभज
   
  
  
  
9
   
  
  
  
2
   
  
  
  
7
   
  
  
  
5
   
  
  
  
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तथा न कर्पूरभरैः
तदनु क्षणदागमोल्लसत्
तदनु पद्मवनी
तदमंसत मांसलं
तदाननं तस्य सुगन्धि
तदेवमात्मन्यवधार्य
तदेवमुज्जृम्भित
तद्दन्दुभिप्रतिध्वान
तन्मदीयमिदं काव्यं
तमञ्जलिभिरानम्र
तमरातिनराधिनाथनारी
तमसूचयदाप्तेभ्यो
तमहरन्नहरत्यय
तरणेररुणीकृताः
तरलालसतारकं
तरलिताङ्गळुलिताडित
तं वीरपाणाधिक
तस्मिन्निति व्याप्त
तस्मिन्विसर्पति त्रास
तस्य दिक्षु प्ररोहन्त्याः
तस्यासीद्विजया नाम
तामम्जुगर्भामिव
तार्किका बहवस्सन्ति
तिक्कय ज्व
तिग्मांशोरपि
तिमिरेभज
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