This page has not been fully proofread.

प्रदर्शकानि प्राचीनकवीनामर्थवैभवानि परं विभ्राजन्ते । क्वचिद्यैः
कैश्चिदपि महाकविभिर्यथाकथमप्यसंभाव्यानि रसमयानि संकल्पमात्रेण
कृतास्पदान्य लौकिकान्यपूर्ववचनानि नैकविधानि महाविधषु रत्नानीव
संप्रकाशन्ते । मद्र्याख्यानेऽप्रदर्शितानि प्रदर्शितानि च कानिचित्तत्तदुदा
हरणभावमनुभूयमानानि प्रदर्श्यन्ते ।.
 
"}
 
27
 

 
मधु. 1 स. 74 श्लो.
 
3 .स. 46
 
"
 
"
 
"
 
"
 
"
 
1) 2 स. 11 श्लो. 3 स. 16 श्लो. 2 स 38 श्लो.
श्लो.
 
2 ) 2 स. 12 श्लो. 1 स. 61 श्लो.
18 श्लो.
 
3 ) 3 स. 23. 24 श्लो. 2 स. 37 श्लो.
 
22 श्लो.
 
4 ) 5 स. 8 श्लो. 4 स. 26 श्लो० 5 स. 10 श्लो.
 
7 स. 40 श्लो.
 
5) 4 स.
 
2
 
1
 
8
 
8
 
3
 
8
 
स.
 
CS
 

 
स.
 
81
 
स.
 
32
 
2
 
10
 
8
 
स. 19
 
स. 13
 
स. 43
 
9 स. 12
 
स. 4
 
श्लो. उ स. 10, 3
 
"
 
"
 
"
 
"
 
"
 
12
 
"
 
"
 
2
 
'
 

 
रघु.
 
"
 
"
 
2
 
1)
 
"
 
"
 
6
 
"
 
}}
 
"
 
6 स. 64 श्लो. 7 स.
 
7 स. श्लो.
 
7 श्लो
 
1
 
1
 
32 श्लो.
 
12 स. 01 श्लो.
 
3 स.
 
8 श्लो.
 
16
 
16
 
9
 
6
 

 
स.
 
3
 
स'
 
स.
 
20 स. 52
 
स.
 
4 स. 39 श्लो.
 
1 श्लो.
 
17 श्लो.
 
19
 
स. 62
 
स.
 
स. 48 श्लो.
 
श्लो.
 
2 स.
 
श्लो.
 
श्लो,
 
श्लो.
 
48
 
2 स.
 
82
स. श्लो.