2023-02-16 06:27:37 by ambuda-bot
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श्रीललितासहस्रनामावलिः
ओं ज्ञानज्ञेयस्वरूपिण्यै नमः ओं पडध्वातीतरूपिण्यै
अव्याजकरुणामूर्तये
योनिमुद्रायै
त्रिखण्डेश्यै
अज्ञानध्वान्तदीपिकायै
भात्रालगोपविदितायै
सर्वानुल यशासनायै
0:-
147
नमः
त्रिगुणा
अभ्याये
त्रिकोणगायै
अनवायें
अद्भुतचारित्रायै
श्रीचक्रराजनिलयायै
श्रीमत्त्रिपुरसुन्दर्ये
श्रीशिवायै
शिवशक्त्यैक्यरूपिण्यै
वार्थप्रदायिन्यै
अभ्यासातिशयज्ञातायै ९९० ललिताम्बिकायै १०००
॥ इति श्रीललितासहस्रनामावलिः सम्पूर्णा ॥
ओं ज्ञानज्ञेयस्वरूपिण्यै नमः ओं पडध्वातीतरूपिण्यै
अव्याजकरुणामूर्तये
योनिमुद्रायै
त्रिखण्डेश्यै
अज्ञानध्वान्तदीपिकायै
भात्रालगोपविदितायै
सर्वानुल यशासनायै
0:-
147
नमः
त्रिगुणा
अभ्याये
त्रिकोणगायै
अनवायें
अद्भुतचारित्रायै
श्रीचक्रराजनिलयायै
श्रीमत्त्रिपुरसुन्दर्ये
श्रीशिवायै
शिवशक्त्यैक्यरूपिण्यै
वार्थप्रदायिन्यै
अभ्यासातिशयज्ञातायै ९९० ललिताम्बिकायै १०००
॥ इति श्रीललितासहस्रनामावलिः सम्पूर्णा ॥