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ओं ब्रह्मानन्दायै
वलिप्रियायै
 
मापारूपायै
 
बृहत्सेनाये
 
श्रितायै
राज्यलक्ष्म्यै
कोशनाथायै
चतुरगवलेश्वर्यै
साम्राज्यदायिन्यै
 
भावामावविवर्जितायै ६८०
 
सुखाराध्यायै
शुभक
शोभनासुलभागत्यै
राजराजेश्वर्यै
राज्यदायिन्यै
राज्यवल्लभायै
 
राजत्कृपाये
राजपीठनिवेशित निजा-
सत्यसन्धायै
 
सागरमेखलायें
 
श्रीललितासहस्रनामावलिः
 
दीक्षितायै
दैत्यशमन्ये
 
नमः
 
६९०
 
ओं सर्वलोकवशङ्कर्ये
सर्वार्थदात्र्यै
सावित्र्यै
सच्चिदानन्दरूपिण्यै ७००
देशकालारिच्छिन्नायै
सर्वगाये
सर्वमोहिन्यै
 
सरस्वत्यै
शास्त्रमध्ये
 
गुहाम्बायै
 
गुह्यरूपिण्यै
सर्वोपाधिविनिर्मुक्तायै
सदाशिव पतिव्रतायै
संप्रदायेश्वर्यै
 
* साधुने
ये
 
गुरुमण्डलरूपिण्यै
कुलोत्तीर्णायै
भगाराध्यायै
 
मायायै
 
मधुमत्यै
मही
 
नमः
 
७१०
 
* 'साध्वी इत्यत्र 'साधुने नमः, ये नमः' इति द्वे नामानी माध्यकारैः
'ये नमः' इत्यस्य विष्णुभगिनीरूपायै नमः इत्यर्थो विष्टतः ॥