2023-02-16 06:27:36 by ambuda-bot
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ओं विमर्शरूपिण्यै
श्रीललितासहस्रनामावलिः
विद्यायै
वियदादिजगत्प्रसुवे
सर्वव्याधिप्रशमन्यै
सर्वमृत्युनिवारिण्यै
अग्रगण्याये
अचिन्त्यरूपायै
कलि कल्पनाशिन्यै
कात्यायन्यै
कामहन्थ्ये
कमलाक्षनिषेविताये
ताम्बूलमुख्यै
मित्ररूपिण्यै
नित्यतृप्तायै
भक्तनिधये
नियन्त्र्यै
निखिलेश्वर्यै
दाडिमी कुसुमप्रभायै ५६०
मृगाक्ष्ये
मोहिन्यै
मुख्यायै
मृडान्यै
नमः ओं मैन्यादिवासनालभ्यायै नमः
महाप्रलयसाक्षिण्यै
५५०
पराशक्त्यै
परानिष्ठायै
प्रज्ञानघनरूपिण्यै
माध्वीपानालसायै
मत्तायै
मातृका वर्णरूपिण्यै
महाकैलासनिलयायै
मृणालमृदुदोर्लतायै
महनीयाये
दया मूर्त्यै
महासाम्राज्यशालिन्यै
आत्मविद्यायै
महाविद्यायै
श्रीविद्यायै
कामसेवितायै
श्रीपोडशाक्षरीविद्यायै
137
५८०
त्रिकूटायै
कामकोटिकायें
कटाक्षकिङ्करीभूतकमला-
कोटिसेवितायें
५९०
श्रीललितासहस्रनामावलिः
विद्यायै
वियदादिजगत्प्रसुवे
सर्वव्याधिप्रशमन्यै
सर्वमृत्युनिवारिण्यै
अग्रगण्याये
अचिन्त्यरूपायै
कलि कल्पनाशिन्यै
कात्यायन्यै
कामहन्थ्ये
कमलाक्षनिषेविताये
ताम्बूलमुख्यै
मित्ररूपिण्यै
नित्यतृप्तायै
भक्तनिधये
नियन्त्र्यै
निखिलेश्वर्यै
दाडिमी कुसुमप्रभायै ५६०
मृगाक्ष्ये
मोहिन्यै
मुख्यायै
मृडान्यै
नमः ओं मैन्यादिवासनालभ्यायै नमः
महाप्रलयसाक्षिण्यै
५५०
पराशक्त्यै
परानिष्ठायै
प्रज्ञानघनरूपिण्यै
माध्वीपानालसायै
मत्तायै
मातृका वर्णरूपिण्यै
महाकैलासनिलयायै
मृणालमृदुदोर्लतायै
महनीयाये
दया मूर्त्यै
महासाम्राज्यशालिन्यै
आत्मविद्यायै
महाविद्यायै
श्रीविद्यायै
कामसेवितायै
श्रीपोडशाक्षरीविद्यायै
137
५८०
त्रिकूटायै
कामकोटिकायें
कटाक्षकिङ्करीभूतकमला-
कोटिसेवितायें
५९०