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श्रीललितासहस्रनामावलिः
व भक्तिप्रियायै
भक्तिगम्यायै
भक्तिवश्यायै १२०
भयापहायै
शाम्मव्यै
शारदाराध्याये
शर्वाण्य
शर्मदायिन्यै
शायें
श्री क
साध्यै
शरच्चन्द्रनिभाननायै
शातोदय
शान्तिमत्यै
निराधाराये
निरञ्जनाये
निर्लेपाये
निर्मलायै
नित्याये
निराकारायै
निराकुलाये
निर्गुणा ये
नमः ओं निष्कलाये
शान्ताये
निष्कामाये
निरुपलवाये
नित्यमुक्तायै
निर्विकारायै
निष्प्रपञ्चायै
निराश्रयायै
१३०
शुद्धायै
नित्यबुद्धायै
निरवद्यायै
निरन्तरायै
निष्कारणाये
निष्कलङ्कायै
निरुपाधये
निरीश्वरायै
नीरागायै
रागमथन्ये
निर्मदाये
मदनाशिन्यै
निश्चिन्तान्यै
निरहङ्काराये
127
नमः
१४०
१५०
१६०
व भक्तिप्रियायै
भक्तिगम्यायै
भक्तिवश्यायै १२०
भयापहायै
शाम्मव्यै
शारदाराध्याये
शर्वाण्य
शर्मदायिन्यै
शायें
श्री क
साध्यै
शरच्चन्द्रनिभाननायै
शातोदय
शान्तिमत्यै
निराधाराये
निरञ्जनाये
निर्लेपाये
निर्मलायै
नित्याये
निराकारायै
निराकुलाये
निर्गुणा ये
नमः ओं निष्कलाये
शान्ताये
निष्कामाये
निरुपलवाये
नित्यमुक्तायै
निर्विकारायै
निष्प्रपञ्चायै
निराश्रयायै
१३०
शुद्धायै
नित्यबुद्धायै
निरवद्यायै
निरन्तरायै
निष्कारणाये
निष्कलङ्कायै
निरुपाधये
निरीश्वरायै
नीरागायै
रागमथन्ये
निर्मदाये
मदनाशिन्यै
निश्चिन्तान्यै
निरहङ्काराये
127
नमः
१४०
१५०
१६०