2023-02-23 15:35:59 by ambuda-bot
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नाग- (पुरोडवलोक्य) सन्निहितो माढव्य: ।
(ततः प्रविशति विदूषकः।)
विदू- णमो भगवदीए । [नमो भगवत्यै ! ]
नाग- माढव्य सुखमास्यताम्।
विदू- कहं मह उहासिआ। कहेहि कदा ने पोम्मावई-
विवाहो। कथं में सुखासिका। कथय कदा में
पद्मावती विवाह:]]
नाग- (सहासम्) गणेशन समं तव विवाहः ।
विदू- कअं परिहासेणा सञ्यं कहे हि [कृतं परिहासेन
सत्यं कथय ! ]
1
साग- भविष्यति सँ विलम्बन
169
विदू - (स्वगतम्) हा हदोन्हि। (क्षणं विषादेन स्थित्वा प्रकाशम)
किंकओसो विळंबो। [हा हतोड स्मि किंकृतः स विलम्ब
(नागरिका सागरिकोक्तं सर्वमस्मै कथयति)
विद्व - (श्रुत्वा) चउत्थोवा असज्झो मह व अस्सस्स अ
'विवाहो' व अस्सो दअछ्चित्तो दंडेण ण साहेदि।
लदो लंबे गिवेदिअ कज्ज साहणिज्ज ।
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1.M, Tr, T.C. amit स
(ततः प्रविशति विदूषकः।)
विदू- णमो भगवदीए । [नमो भगवत्यै ! ]
नाग- माढव्य सुखमास्यताम्।
विदू- कहं मह उहासिआ। कहेहि कदा ने पोम्मावई-
विवाहो। कथं में सुखासिका। कथय कदा में
पद्मावती विवाह:]]
नाग- (सहासम्) गणेशन समं तव विवाहः ।
विदू- कअं परिहासेणा सञ्यं कहे हि [कृतं परिहासेन
सत्यं कथय ! ]
1
साग- भविष्यति सँ विलम्बन
169
विदू - (स्वगतम्) हा हदोन्हि। (क्षणं विषादेन स्थित्वा प्रकाशम)
किंकओसो विळंबो। [हा हतोड स्मि किंकृतः स विलम्ब
(नागरिका सागरिकोक्तं सर्वमस्मै कथयति)
विद्व - (श्रुत्वा) चउत्थोवा असज्झो मह व अस्सस्स अ
'विवाहो' व अस्सो दअछ्चित्तो दंडेण ण साहेदि।
लदो लंबे गिवेदिअ कज्ज साहणिज्ज ।
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