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(ततः प्रविशतः कुमुदतीचेट्यौ)
प्रथमा - हळा कळावद कुत्त तुम पट्टिदासि । [सखि कलानति
कुत्र त्वं प्रस्थितासि]
कलावति - फणावई अम्हाणं भट्टिदारिया कुमुज्जई
अयुज्झाण अरपोसादमि कीडइ । तत्स पड़िदन्हि ।
 
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[फणावति अस्माक भर्तृदारिका कुमुदती अयोध्या -
नगरप्रासादे क्रीडति। तत्र प्रस्थितास्मि'
 
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फणावति कई भट्टिदारिआ तौदपादासदो सैज्झसमु
 
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ज्झिअरर्ति विभूलो अमोगआ। [कथं भर्तृदारिका
 
तातपादेभ्य: साध्वसमुझिवा रात्रिमणि भूलोक
मागता।]
 
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कला - अम्हाणं बोअमि दुबहँ जोण्हाविहार उद्दिसिय
तादपादाणुमदा सहस्सेज सहीजणेडिं विअण
अयुज्झाणअरे पहिदा! तं विकिंण आणासि
तुम कुत्त पहिदा। [अस्माकं लोके दुर्लभं ज्योत्स्ना -
2. M.- पासादंहि 3 T.C.- पासादे 2. To Bri Te- पहिदमि
3. M, Ti, T2 तातपादासूतो 4.M- सदस 5.70- आगवा
७.१८- बोए 7. MT काहे
 
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