2023-06-14 00:23:40 by suhasm
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304
संयम होता है । ( द.३०) -घाद पुं [घात ] संयम का विनाश ।
संजमघादं पमुत्तूण। (भा. ९४ ) -चरण न [चरण] संयम का
आचारण,संयम का एक भेद । (चा. २१) पांच इन्द्रियों का दमन,
पांचव्रत, इनकी पच्चीस भावनायें, पांच समितियां और तीन
गुप्तियां यह निरागार संयमचरणचारित्र है। (चा. २७)
-पडिवण्ण वि [प्रतिपन्न] संयम को प्राप्त, संयम को अङ्गीकार
करने वाला । सो संजमपडिवण्णो । ( द. २४) मुद्दा स्त्री [मुद्दा]
संयममुद्रा । (बो. १८) - लठिाण न [लब्धिस्थान] संयम
लब्धिस्थान । (स.५४) -संजुत्त वि [संयुक्त] संयमसहित, संयम
से युक्त ।संजमसंजुत्तस्स य । (बो. १९) - सहिद वि [ सहित] संयम
सहित, संयम से युक्त । संयमसहिदो य तवो । (शी ६ ) - सुद्ध वि
[शुद्ध] संयम से शुद्ध, संयम से पवित्र । संजमसुद्धं सुवीयरायं च ।
(बो. १५) - सोहि स्त्री [शोधि] संयम की शुद्धता ।
संजमसोहिणिमित्तं । (चा. ३७) -हीण वि [हीन] संजम से हीन।
संजमहीणो य तवो । (शी. ५)
संजाद / संजाय वि [संजात] उत्पन्न, पैदा हुआ । ( प्रव. ३८,
निय.१६) कम्ममहीभोगभूमिसंजादा । (निय. १६)
संजाय अक [सं+जन्] उत्पन्न होना । (प्रव.ज्ञे. ७८) संजायंते देहा।
संजायंते (व.प्र.ब.प्रव.ज्ञे. ७८ )
संजुत्त वि [ संयुक्त ] मिला हुआ, सम्मिलित । (पंचा. ६, निय. ९,
द. ३५, सू.१२) णाणेण य दंसणेण संजुत्तो। (पंचा. ४० )
संजुद वि [ संयुत] सहित, संयुक्त । ( पंचा. ६८, प्रव.१४)
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संयम होता है । ( द.३०) -घाद पुं [घात ] संयम का विनाश ।
संजमघादं पमुत्तूण। (भा. ९४ ) -चरण न [चरण] संयम का
आचारण,संयम का एक भेद । (चा. २१) पांच इन्द्रियों का दमन,
पांचव्रत, इनकी पच्चीस भावनायें, पांच समितियां और तीन
गुप्तियां यह निरागार संयमचरणचारित्र है। (चा. २७)
-पडिवण्ण वि [प्रतिपन्न] संयम को प्राप्त, संयम को अङ्गीकार
करने वाला । सो संजमपडिवण्णो । ( द. २४) मुद्दा स्त्री [मुद्दा]
संयममुद्रा । (बो. १८) - लठिाण न [लब्धिस्थान] संयम
लब्धिस्थान । (स.५४) -संजुत्त वि [संयुक्त] संयमसहित, संयम
से युक्त ।संजमसंजुत्तस्स य । (बो. १९) - सहिद वि [ सहित] संयम
सहित, संयम से युक्त । संयमसहिदो य तवो । (शी ६ ) - सुद्ध वि
[शुद्ध] संयम से शुद्ध, संयम से पवित्र । संजमसुद्धं सुवीयरायं च ।
(बो. १५) - सोहि स्त्री [शोधि] संयम की शुद्धता ।
संजमसोहिणिमित्तं । (चा. ३७) -हीण वि [हीन] संजम से हीन।
संजमहीणो य तवो । (शी. ५)
संजाद / संजाय वि [संजात] उत्पन्न, पैदा हुआ । ( प्रव. ३८,
निय.१६) कम्ममहीभोगभूमिसंजादा । (निय. १६)
संजाय अक [सं+जन्] उत्पन्न होना । (प्रव.ज्ञे. ७८) संजायंते देहा।
संजायंते (व.प्र.ब.प्रव.ज्ञे. ७८ )
संजुत्त वि [ संयुक्त ] मिला हुआ, सम्मिलित । (पंचा. ६, निय. ९,
द. ३५, सू.१२) णाणेण य दंसणेण संजुत्तो। (पंचा. ४० )
संजुद वि [ संयुत] सहित, संयुक्त । ( पंचा. ६८, प्रव.१४)
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