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213
परिणिव्याणभत्ति स्त्री [परिनिर्वाणभक्ति] परिनिर्वाणभक्ति, मुक्ति
भक्ति । (नि.भ.अं.)
परिपड अक [परि+पत्] गिरना, झड़ना । ( द्वा. ३१ )
परिफुड अक [परि+स्फुट्] चलना। (स.ज.वृ.१७०)
परिभ्रम सक [परि+भ्रम्] घूमना, चक्कर काटना, पर्यटन करना,
भटकना । (द्वा. २४)
परिभाव सक [ परि + भावय् ] पर्यालोचन करना, उन्नतकरना,
विचार करना । परिभाविऊण (सं.कृ.मो.९६)
परिमंडिअ वि [परिमंडित] सुशोभित। (भा.१०८)
परिमाण न [परिमाण] नाप, माप, प्रमाण । (भा.३६)
परियंत पुं [पर्यन्त] अन्त, सीमा, प्रान्त । (प्रव.ज्ञे. ४०)
परियट्टण [परिवर्तन]
न
आवर्त, आवृत्ति, परिणमन ।
(पंचा. ६, २३) परियट्टणसंभूदो।
परियत्थण वि [प्रार्थित] प्रार्थना करने वाला । (सि.भ.११)
परियम्म पुं न [परिकर्म] संस्कार, सहायक साधन, दृष्टिवाद आगम
का एक भेद। (मो. ६१, श्रु.भ.४)
परियरिअ वि [परिकरित] सहित, युक्त। (भा. १२३)
परिवज्ज सक [परिवर्जय्] परिहार करना, परित्याग करना,
छोड़ना । ( प्रव.ज्ञे. १०८, भा.५७) परिवज्जामि
(व.उ.ए.भा.५७, निय.९९ )
परिवट्टण न [परिवर्तन] आवर्तन, आवृत्ति । (निय ३३)
परिवार पुं [परिवार] कुटुम्ब, घर के लोग। (द.१०)
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परिणिव्याणभत्ति स्त्री [परिनिर्वाणभक्ति] परिनिर्वाणभक्ति, मुक्ति
भक्ति । (नि.भ.अं.)
परिपड अक [परि+पत्] गिरना, झड़ना । ( द्वा. ३१ )
परिफुड अक [परि+स्फुट्] चलना। (स.ज.वृ.१७०)
परिभ्रम सक [परि+भ्रम्] घूमना, चक्कर काटना, पर्यटन करना,
भटकना । (द्वा. २४)
परिभाव सक [ परि + भावय् ] पर्यालोचन करना, उन्नतकरना,
विचार करना । परिभाविऊण (सं.कृ.मो.९६)
परिमंडिअ वि [परिमंडित] सुशोभित। (भा.१०८)
परिमाण न [परिमाण] नाप, माप, प्रमाण । (भा.३६)
परियंत पुं [पर्यन्त] अन्त, सीमा, प्रान्त । (प्रव.ज्ञे. ४०)
परियट्टण [परिवर्तन]
न
आवर्त, आवृत्ति, परिणमन ।
(पंचा. ६, २३) परियट्टणसंभूदो।
परियत्थण वि [प्रार्थित] प्रार्थना करने वाला । (सि.भ.११)
परियम्म पुं न [परिकर्म] संस्कार, सहायक साधन, दृष्टिवाद आगम
का एक भेद। (मो. ६१, श्रु.भ.४)
परियरिअ वि [परिकरित] सहित, युक्त। (भा. १२३)
परिवज्ज सक [परिवर्जय्] परिहार करना, परित्याग करना,
छोड़ना । ( प्रव.ज्ञे. १०८, भा.५७) परिवज्जामि
(व.उ.ए.भा.५७, निय.९९ )
परिवट्टण न [परिवर्तन] आवर्तन, आवृत्ति । (निय ३३)
परिवार पुं [परिवार] कुटुम्ब, घर के लोग। (द.१०)
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