2023-06-18 06:13:35 by jayusudindra
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परमाणुओं का समूह । ( पंचा.७९)
परमेट्ठि
पुं [परमेष्ठिन्] परमेष्ठी, जो परमपद में स्थित हैं। अईन्त,
सिद्ध आचार्य, उपाध्याय और साधु । (चा. १, भा. १५०, मो.६
प्रव.४ निय.७१-७५)
पराइ
पुं [परकीय] पर, अन्य ।
परायत्त
वि [परायत्त ] पराधीन, दूसरे के अधीन, परतन्त्र ।
(पंचा. २५)
परावेक्ख
वि [परापेक्ष] दूसरे की अपेक्षा रखने वाला । (प्रव.चा. ६)
परिकम्म
पुं न [ परिकर्म] क्रिया, गुण विशेष (प्रव.चा. २८)
परिकहिद / परिकहिय
वि [परिकथित] प्ररूपित, आख्यात, विशेष
व्याख्यान। (स.९७) जिणवरेहिं परिकहियं । (स. १६१)
परिकित्तिद
वि [परिकीर्त्तित] वर्णित। (द्वा.४७)
परिगह / परिग्गह
पुं [परिग्रह] आसक्ति, ममत्व, मूर्छा, संग्रह ।
अप्पाणमप्पणो परिगहं । ( स. २०७ ) मज्झं परिग्गहो जइ ।
( स. २०८ )
परिचत्त
वि [परित्यक्त ] परित्यक्त, छोड़ा हुआ, अलग किया
गया। (निय.१४६, बो.२४)
परिचाग
पुं [परित्याग] छोड़ना । (निय.९३)
परिचिद
वि [परिचित] ज्ञात, जाना हुआ, परखा हुआ। (स. ४)
सुदपरिचिदाणुभूदा ।
परिच्चय
सक [परि + त्यज्] परित्याग करना, छोड़ना, अलग
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