2023-06-17 11:05:31 by jayusudindra
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णिम्मह
पुं [निर्मथ] दुर्दम्य, विनाश । ( भा. ९३)
णिम्माण
वि [निर्मान] मान रहित, मार्दव युक्त। (निय.४४,
बो. ४८)
णिम्मिविय
वि [निर्मापित] निर्मित, रचित, बनाया हुआ।
(बो. १२)
जिम्मूढ
वि [निर्मूढ] अज्ञानता रहित, ज्ञानयुक्त । (निय ४३)
णिम्मोह
वि [निर्मोह] मोह रहित, आसक्ति रहित । (निय ७५,
प्रव. ९०, चा. १६, बो. १)
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णिय
णिय
वि [निज] स्वकीय, आत्मीय । अप्प पुं [आत्मन्] निजात्मा ।
(मो. ६३) कज्जन [कार्य] अपना प्रयोजन, अपना कार्य ।
णियकज्जं साहए णिच्चं। (निय. १५५) - गुण पुं न [गुण] निजगुण
आत्मा के गुण। [नि+वृत्] दूर रखना, पीछे हटाना, छुड़ाना ।
( स. ३८३, ३८४)
णियत्त
णियत्त
न [निवृत्त ] निवृत्ति, त्याग, दूर, अलग। (सू.२७) इच्छा
जा हु णियत्ता, ताह णियत्ताइं सव्वदुक्खाइं।
णियत्ति
स्त्री [निवृत्ति ] त्याग । (निय ६७) अलीयादिणियत्तिवयणं
वा।
णियद
वि [नियत ] नियमबद्ध, नियमानुसारी, निश्चित । (पंचा. ४)
अत्थित्तम्हि य णियदा । (पंचा. १०० )
णियदय
वि [नियतय] नियत, निश्चित । (प्रव.४४ )
णियदिणा
वि [नियतिन] नियमपूर्वक । उदयगदा कम्मंसा
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