This page has been fully proofread once and needs a second look.

काव्यकल्पलतावृत्तिः ।
 
अखिलान्यूनाजस्त्रानन्ताभी
क्ष्ण्याधिकापरापाराः ।

अतुलाने कानल्पाशेषासक्तानघामदाद्भ्राः ॥ ४३ ॥

 
अहहामरासुराद्या इत्यकारादयो हि ये ।

योजयेत् तान् यथौचित्यं वर्णाकर्षण हेतवे ॥ ४४ ॥
 

 
एते ह्यन्येऽपि द्व्यक्षरास्त्र्यक्षराश्चतुरक्षरा वा अकारादयः शब्दा:दाः कादिशब्दाना मादौ

वर्णाकर्षणाय प्रयोज्याः, श्लेषो भवति । यथा - --अककमलशाली, पक्षे मलशाली । अच्छ-

च्छगणशाली, पक्षे गणशाली । अलं लङ्केशयुक्तः, पक्षे केशयुक्तः । इत्यादिशब्दा ज्ञेयाः ।
 

 
ककीकुकुखखुगगौघोचचावीचीचयस्तथा ।

जातातीस्थिददा दूधघीधीननोपापपौपुपू ॥ ४५ ॥

 
स्फस्फावावीववेवैभभामारोशूशसासस्
सू ।
सीहहाहीक्षक्षाक्षीक्षौ एतेषां रहितः पुरः ॥ ४६ ॥
 

 

 
एतेषां वर्णानामग्रे रहितशब्दः प्रयोज्यः । करहितकीरहितेत्यादि । एतैः शब्दै-

र्
वर्णा आकृष्यन्ते । करहितकमलशाली, पचेक्षे मलशाली । कीरहितबन्धकीयुतः, पक्षे

बन्धयुतः । इत्यादि ज्ञेयम् ।
 
स्तबकः १ ]
 
५३
 
-
 

 
स्मेरज्वरस्वरस्मरद्वारस्थावरतुषारमुख्यानाम् ।

पारावारादीनां रान्तानामग्रतो हितो योज्यः ॥ ४७ ॥
 
-
 

 
यथा - --स्मेरहित, ज्वरहित इत्यादि । स्मरहितस्मरणशाली, पक्षे रणशाली ।

इत्याद्यूह्यम् । एवमन्येऽपि शब्दाः । यथा - --अहीनम्, अलङ्कृतम्, नूनम् ।
 
-
 

 
लकारान्तलाकारान्तशब्दानामग्रे उपयुक्तः शब्दः प्रयोज्य: । जलोपयुक्तः, बिलोप

युक्तः, कलोपयुक्तः, वेलोपयुक्तः ।
 
.
 

 
आकाशेरोपधपकारान्त शब्दानामग्रे नोदशब्दः प्रयोज्य:यः, तथा उपपदकृत्तरचिता-

दिशब्दाः प्रयोज्याः । यथा --कृततानोदः, रचितवापनोदः ।
 

 
अथ श्लेषसाधकाः ककारान्ताः ककारादिप्रमुखाश्च शब्दा लिख्यते । यथा-
-
 
( नाक निष्क पिक काक शुक बक पड्ङ्क भेक घूक स्तोक अलीक पुलक अंशुक गर्भक

ताटङ्क हंसक कृषिक कर्षक कौतुक श्यामाक नरक कलङ्क नन्दक तारक करक गुह्यक विपाक

अलिक कटक स्थानक स्तबक बन्धूक गण्डक जाहक चन्द्रक तर्णक व्यलीक विटङ्क जालक

स्वस्तिक मणिक पथिक तक लग्नक नाविक गणक कविक सभीक अनीक फलक बन्धुक

पृथुक दारुक जनक अम्बक तिलक अंशुक अलक नालिक रजक लालिक लुब्धक

स्फोटक आर्द्रक माक्षिक पातक तलक उदक अधिक मस्तक वनौक अङ्गारक अपवरक

उच्छीर्षक प्राधुघुणक वनीपक दौवारिक आरालिक प्रबोधक विशेषक भयानक रणरणिक

वैकटिक । एषामधे - ग्रे--आकर कर कल करि कपि कवि कम्र कशा कन्या कर्ण कच कफ

कच्छ कपालि कदर्य कपर्द कलङ्क कदली करञ्ज कपाल कलिङ्ग कपोत कपाट करभ कवच

कदन कबरी कर्ण कज्जल कपोल कबन्ध कमठ कमल कदम्ब कपट करवीर कवन कम-

ण्डलु करवाल कर्णधार कम्बु कसुङ्गु कण्डु कन्द कङ्काल कन्धरा कङ्कट कम्बल कन्दर
 
1