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काव्यकल्पलतावृत्तिः ।
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वेन विभावा ततभा
सासभरत रसा पुत्र रङ्ग रङ्गावतार रतागारसा नसावतार रङ्गावतार क
शैलाली नामधारक धनधारक सरवक वसु नान्दी वास वासन्तिक वैहासिकोपिता अबुकं
चिर हास भावुकं भावो राज हावा हेवा हावेन कुमार कुमारा दारक बाला स्वसा भदन्त
निजा योज्या मन्तुजमनुजा मानव पोत वशा क्षीर शैशवे नसवालता वयः तरु युवा
नतारुण्यपुलक चारुण्यङ्ग यौवन प्रवयाः जरयात याम विशसा स्थविर जल्पाक
यहू
यद्वद पतन यद्वदपरमा दीनवादिवंदिता विकस्वर वदान्यामदविधेयो दवानशूलिका
स्वैरितापरवश पराधीन स्था
सशनिमनीषितोविप
रसावेद वदावद पतापत घनाघन वे दुर्विधोः मनः निम नियोज्य परिचारक दास वस्व-
तन भारिक भासे अलङ्कातरभीतेन महेच्छस्वया महामनाः कीनाश किंपचान देवा
अनुक्रोश कदनं बन्धनं निर्वासन निर्वापणक वर्जन कर्तन कल्पन जल्पना अवर्द्धनैः
घातोद्यत आततायिन नामालेखियशः तेमृतासरतापा
पिशुना व्यसनार्त्तक स्तेना ऐकागारिक स्तेय नन्द प्रणव दान त्याग अर्थ व्यय
याचका याचन सहन अशनाय रोचक पिपा
नते मन रम्भा लाजा शून्य रसायन दानव भारं सभा वितं काञ्चनी धान्य धान्याक
नागरम् विदेही जनुके ग्रासो लावक उदार कामना व्यसन बन्धन रोचन मांस पीवानं
पीवर अनासिके तनु गता केशव वातकि रोम सदा सदामय पामा रव अक्षत कल
नीलीराग लेखक कुलिक खेलिनी शिवङ्कर श
सहा योगामिका गारव जात्यक्षवंश वनिता वशा वासा तरललोलना मनोज्ञ कहाव
रजाः यातरः वया विना समे
समान न
पाशा रचना केशांश कशा केशे लपन वदन लोचन विलालन निध्यान द्योतन लोम
रदन रदना दशना प
रदन रदना दशना पक्ष्मा मेलक करजा खननातालिका मेद कङ्कालम् बलम् लव सानन्द
विलेपना यक्ष
विलेपना यक्षक
अठरा:
असुराः विमाना गभस्ति वसुधा सुधा अर्य्यमा तरुणि अ अर्य्यस अर्कतः पतङ्ग
विरोचन हरि आतपो आतपी लक्ष्मप मङ्गल अङ्गारक उशना आगस्त्या उपराग वासर
विभात त्रियाम तिमिर हेम अल्पक अन्तरिक्ष आकाशम् अम्बरम् अनघ बलाहका
आसार आपरा विदिक कौशिक मातलि अमरावती मन्दार सन्तान अतिभी लेखक
कौणप यातुधान कुबेर धनदा अलका अणुस्था अजगवम् अलीका महादेवी एकदन्त
शतानन्द उत्सवश्रीः नरक अलम्ब अङ्गज दनुज सरस्ववी अतिहास वैनतेय अर्थवाद
कौलीन विगान आक्रोश आक्षेप अभिख्या सम्भाषा नियोग गन्धर्वण अनुत्तरे च वर्ण
अन्ववायजनन धाना अक्षत पत्रल उपल दधिसार न्याय अदन आशंसा अविनीत क्षारित
अंसल मांसल विकलाङ्ग पाटव राजयक्ष्मा कुरङ्ग उपचार हरिद्रा राग
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