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UDUPI LORD SRI KRSNA
 
मन्दहासमृदुसुन्दराननं
नन्दनन्दनमतीन्द्रियाक्कृतिम् ।
 
सुन्दरं स इह सन्निधापय
 
द्वन्द्यमाकृतिशुचिप्रतिष्ठया ॥
 
॥ मध्वविजय - ९-४३ ॥
 
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