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About this Edition
 

 
Foreword
 

 
Introduction
 

 
प्रस्तावना
 

 
विषयसूचनी
 

 
मूलम्
 

 
हूँ
 

 
शरणागतिगद्यम्

गुरुवन्दनं - प्रतिज्ञा च

अवतारिका
 

 
पूर्वोत्तरकृत्यादिकम्

लक्ष्मीप्रपदनस्य स्थिरीकरणम्

श्रीशरणागतिः
 

 
विषयसूचनी
 

 
लक्ष्मीस्वरूपादेः भगवत्स्वरूपाद्यानुरूप्यस्थापनम्

श्रीशब्दनिर्वचनम्
 

 
स्वस्य भगवच्छरणागतिनैरन्तर्यप्रार्थना
 

 
भगवत्प्रपत्तेः स्वतन्त्रतया मोक्षसाधनत्वस्थापनम्
 

 
प्रार्थनायाः भगवता सफलीकरणम्
 

 
शरण्यत्वोपपादकानि भगवत्सम्बोधनानि भगवच्छरणागतिश्च

गुणक्रमोक्तेस्तात्पर्यम्
 

 
भगवत्प्रपदन-प्रसादनविरोधि-विविधापचारक्षमायाचना
 

 
भगवत्प्रपदनविरोधि विपरीतज्ञान-विपरीतवर्तनयोः क्षमाप्रार्थना
 

 
तत्त्वतिरोधायकस्वभावमायातारणप्रार्थना

स्वस्य गीतोक्तपरज्ञानप्रार्थना
 

 
स्वस्य गीतोक्तभक्तिज्ञानसम्पन्नत्वापादनप्रार्थना
 

 
भगवति स्वस्य भक्तिज्ञानादिसहकृतनित्यकिङ्करत्वसम्पत्तिप्रार्थना

भगवता स्वानुग्रहेण शरणागते चेतने प्रार्थितार्थनिर्वृत्तिदृढीकारः

द्वयार्थचिन्तनसहकृतमन्त्रानुसन्धानयुतयावदायुष श्रीरङ्गवासस्य भगवता लाभः

निरन्तरायतया भगवन्मार्गप्रयाणानुगुणावस्थायाः

उत्क्रमणसमये भगवदनुग्रहतः सिद्धिः
 
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i-ii
 

 
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i-ii
 
iii-iv

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vii-xiii
 

 
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