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( ४२ )
 
उदारा:सर्व
 
११ ७ गीता ७।१८
 
चतुर्भिराजानु
 
३३ २ स्तोत्ररत्न ३३
 
तस्मात्प्रणम्य
 
९ ५ गीता ११।४४
 
तेषां ज्ञानी
 
११ ५ गीता ७।१७
 
त्वमेव माता
 
९ १ पाञ्चरात्र आगम
 
पितरं मातरं
 
८ ६-७​ पाञ्चरात्र आगम
 
पितासि लोकस्य
 
९ ३ गीता ११।४३
 
पुरुषस्स पर:
 
१२ ५ गीता ८।२२
 
प्रबुद्धमुखाम्बुज
 
३२ ८ स्तोत्ररत्न ३५
 
प्रियावतंसोत्पल
 
३३ १ स्तोत्ररत्न ३३
 
बहूनां
 
१२ २ गीता ७।१९
 
भक्त्या त्वनन्यया
 
१२ ६ गीता ११।५४
 
मद्भक्तिं लभते पराम्
 
१२ ७ गीता १८।५४
 
रामो द्विर्नाभिभाषते
 
१७ ६ वा०रा० अ० १८।३०
 
सकृदेवप्रपन्नाय
१७ ७ वा०रा० यु० १८।३४
 
सर्वधर्मान् परित्यज्य
१७ ९ गीता १८।६६
 
सर्वधर्मामांश्चि
 
च​ ८ ८ पाञ्चरात्र आगम
 
 
शुद्धि सूची
 
अशुद्ध
शुद्ध पृष्ठ पंक्ति
 
तेऽब्व्रजं
 
तेऽव्रजं ८ ९
 
मदनुभवस्त्व
 
धर्य
 
क्ति
 
( ४२ )
 

 
११
 
३३ २
 

 

 
११
 
W
 

 
१२
 
३२
 
३३
 
१२
 
१२
 
१२
 
१७
 

 

 
भक्ति
 
गीता ७।१८
 
स्तोत्ररत्न ३३
 
गीता ११४४
गीता ७ । १७
 
पाञ्चरात्र आगम
 
मदनुभवस्त्वं
 
१५ ७
 
धर्य
धैर्य
 
पाञ्चरात्र आगम
 
गीता ११४३
 
गोता ८२२
 
स्तोत्ररत्न ३५
 
स्तोत्ररत्न ३३
 
२ गीता ७।१६
 
६ गीता ११५४
गीता १८/५४
 

 
१७
 
१७ ६ गीता १८/६६
 

 
पाञ्चरात्र प्रागम
 
शुद्धि सूची
 
शुद्ध
तेऽव्रजं
 
वा०रा० अ० १८/३०
 
वा०रा० यु० १८/३४
 
पृष्ठ
 

 
१५
 
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२०
 
२१
 
पं

 
क्ति
 
भक्ति २१ ४