2023-06-05 14:55:25 by Krishnendu
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( ३७ )
कदा मां भगवान् स्वकीयया अतिशीतलया दृशा अवलोक्य
स्निग्धगम्भीरमधुरया गिरा परिचर्यायामाज्ञापयिष्यति ! २५०
इति भगवत्परिचर्यायाम्प्राआशां वर्धयित्वा, तयंयैवाशया
तत्प्रसादोपबृं हितया भगवन्तमुपेत्य, दूरादेव भगवन्तं, शेषभोगे
श्रिया सहासीनं, वैनतेयादिभिः सेव्यमानम्, २६
"समस्तपरिवाराय श्रीमते ना
'नारायणाय य नमः" २७५
इति प्ररणम्य, उत्थायोत्थाय, पुनः पुनः प्ररणम्य, अत्यन्त-
साध्वसविनयावनतो भूत्वा, भगवत्पार्षदगरगणनाय कंर्कैद्वावरिपालैः
कब भगवान् अपनी अतिशीतल दृष्टि से मुझे देखकर
स्निग्ध गम्भीर, मधुर वाणी से परिचर्या के लिये मुझेप्राआज्ञा
देंगे । २५
467
!
इस प्रकार भगवान् की परिचर्या में आशासंवर्धन करते
हुए, उसीप्राआशा से भगवान् की प्रसन्नता के फलस्वरूप भग-
वान् को प्राप्त कर दूर से ही भगवान् को शेषपर्यंक पर लक्ष्मी
के साथ विराजमान और गरुड़ आदि पार्षदों के द्वारा सेवित
समस्त परिवार समेत श्रीदेवी समेत नारायण के लिये
नमस्कार है, २६-२७
का
इस प्रकार प्रणाम करे उठ उठकर बारम्बार प्रणाम करे,
अत्यन्त भय एवं विनय से झुककर भगवान् के पार्षदगरण नायकों
एवं द्वारपालों द्वारा कृपापूर्वक एवं स्नेहगर्भित दृष्टि से देखा
कदा मां भगवान् स्वकीयया अतिशीतलया दृशा अवलोक्य
स्निग्धगम्भीरमधुरया गिरा परिचर्यायामाज्ञापयिष्यति ! २५
इति भगवत्परिचर्यायाम्
तत्प्रसादोपबृं हितया भगवन्तमुपेत्य, दूरादेव भगवन्तं, शेषभोगे
श्रिया सहासीनं, वैनतेयादिभिः सेव्यमानम्, २६
"समस्तपरिवाराय श्रीमते ना
'ना
इति प्र
साध्वसविनयावनतो भूत्वा, भगवत्पार्षदग
कब भगवान् अपनी अतिशीतल दृष्टि से मुझे देखकर
स्निग्ध गम्भीर, मधुर वाणी से परिचर्या के लिये मुझे
देंगे । २५
467
!
इस प्रकार भगवान् की परिचर्या में आशासंवर्धन करते
हुए, उसी
वान् को प्राप्त कर दूर से ही भगवान् को शेषपर्यंक पर लक्ष्मी
के साथ विराजमान और गरुड़ आदि पार्षदों के द्वारा सेवित
समस्त परिवार समेत श्रीदेवी समेत नारायण के लिये
नमस्कार है, २६-२७
का
इस प्रकार प्रणाम करे उठ उठकर बारम्बार प्रणाम करे,
अत्यन्त भय एवं विनय से झुककर भगवान् के पार्षदग
एवं द्वारपालों द्वारा कृपापूर्वक एवं स्नेहगर्भित दृष्टि से देखा