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( ३३ )
 
प्रियावतंसोत्पल करणभूषरण थालकाबन्धविमर्दशंसिभिः ॥
चतुभिराजानु विलम्बिभिभु जैविराजितम् १४-
प्रतिकोमल दिव्यरेखालङ्कृताता प्रकरतलं, दिव्याङ्गुली-
यकविराजितम्, अतिकोमल दिव्यनखावलीविराजितातिरक्ताङ्गु-
लोभिरलङ्कृतं, तत्क्षरगोन्मीलितपुण्डरीकस दृशचरणयुगलम्,
 
प्रतिमनोहर किरीटमकुटचूडावतंसमकर कुण्डल ग्रंवेयकहारकेयूर-
कटक-श्रीवत्सकौस्तुभमुक्तादामोदरबन्धन
 
पोताम्बरकाचीगुरण-
leiosoris
 
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अधर उज्ज्वल हैं, उनकी मुस्कान पवित्र है, उनके कपोल
कोमल हैं, उनकी नासिका ऊँची है
 
ऊँचे और मांसल कंधों पर लटकी हुए लटों और कुण्डलों
के कारण भगवान् की शंख सरीखी ग्रीवा सुन्दर लगती है ।
 
श्रीदेवी के अवतंस, उत्पल, कुण्डल, शिथिल अलकावली
तथा नीवी का विमर्दन करने वाली घुटनों तक लम्बी चार
भुजायें शोभा दे रही हैं । १४
 
उनकी हथेलियाँ अत्यन्त कोमल दिव्य रेखाओं से अलंकृत
और लाल रंग की हैं । अंगुलियों में दिव्य मुद्रिकाएँ शोभा देती
हैं । दिव्य नखोंवाली अत्यन्त कोमल सुशोभित लाल अंगुलियाँ
उनके कर कमलों को अलंकृत करती हैं। उनके दोनों चरण
तुरन्त खिले हुए कमलों के समान हैं। वे अत्यन्त मनोहर
किरीट, मकुट, चूड़ामणि, मकराकृत कुण्डल, कण्ठहार, केयूर,
कटक, श्रीवत्स, कौस्तुभ मुक्तादाम, कटिबन्ध, पीताम्बर,
 
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