2023-02-27 23:02:35 by ambuda-bot
This page has not been fully proofread.
( ५ )
दरबन्धनपीताम्बरकाञ्चीगुरनूपुराद्यपरिमितदिव्यभूषरण ! ४
स्वानुरूपाचिन्त्यशक्ति - शङ्खचक्रगदासिशाङ्गद्यसङ्ख्येय-
नित्यनिरवद्यनिरतिशयकल्या रणदिव्यायुध ! ५
स्वाभिमत नित्यनिरवद्यानुरूप स्वरूप रूपगुण विभवैश्वर्य-
शीलाद्यनवधिकातिशयासङ्ख्येयकल्याण गुरगगरगश्रीवल्लभ
एवम्भूतभूमिनीलानायक ! ६-७
!
स्वच्छन्दानुवति- स्वरूपस्थितिप्रवृत्तिभेदाशेषशेष तैकरति-
रूप नित्य निरवद्र्य निरतिशयज्ञान क्वियैश्वर्याद्यनन्तगुरगगरग शेष-
ज
कौस्तुभमरिण, मुक्ताहार, उदरबन्धन, पीताम्बर, काचीगुण
(कर्धनी) नूपुर आदि अपरिमित दिव्य भूषणों से
विभूषित हैं । ४
आप *
अपने अनुरूप, अचिन्त्य शक्तिसम्पन्न, शंख, चक्र, गदा,
खड्ग, शाम धनुष आदि असंख्य, नित्य, निर्मल निरतिशय
कल्याणमय दिव्य आयुधों से सम्पन्न हैं । ५
अभिमत नित्य निरवद्य अनुरूप स्वरूप, रूप,
गुरण, विभव, ऐश्वर्य, शील आदि असीम, अतिशय असंख्य
कल्याण गुरण गरणों से अलंकृत श्री लक्ष्मी के प्रियतम हैं ।
ऐसे ही विशेषरणों से विभूषित भूदेवी और नीला देवी के
नायक हैं । ६-७
जो आपके संकल्प के अनुगामी हैं अनुरूप स्वरूप, स्थिति
प्रवृत्ति के भेद से सम्पन्न हैं पूर्ण शेषता विषयक प्रीति से युक्त,
तथा नित्य, निरवद्य, निरतिशय, ज्ञान, क्रिया, ऐश्वर्य आदि गुण-
Tha
i
sliding
दरबन्धनपीताम्बरकाञ्चीगुरनूपुराद्यपरिमितदिव्यभूषरण ! ४
स्वानुरूपाचिन्त्यशक्ति - शङ्खचक्रगदासिशाङ्गद्यसङ्ख्येय-
नित्यनिरवद्यनिरतिशयकल्या रणदिव्यायुध ! ५
स्वाभिमत नित्यनिरवद्यानुरूप स्वरूप रूपगुण विभवैश्वर्य-
शीलाद्यनवधिकातिशयासङ्ख्येयकल्याण गुरगगरगश्रीवल्लभ
एवम्भूतभूमिनीलानायक ! ६-७
!
स्वच्छन्दानुवति- स्वरूपस्थितिप्रवृत्तिभेदाशेषशेष तैकरति-
रूप नित्य निरवद्र्य निरतिशयज्ञान क्वियैश्वर्याद्यनन्तगुरगगरग शेष-
ज
कौस्तुभमरिण, मुक्ताहार, उदरबन्धन, पीताम्बर, काचीगुण
(कर्धनी) नूपुर आदि अपरिमित दिव्य भूषणों से
विभूषित हैं । ४
आप *
अपने अनुरूप, अचिन्त्य शक्तिसम्पन्न, शंख, चक्र, गदा,
खड्ग, शाम धनुष आदि असंख्य, नित्य, निर्मल निरतिशय
कल्याणमय दिव्य आयुधों से सम्पन्न हैं । ५
अभिमत नित्य निरवद्य अनुरूप स्वरूप, रूप,
गुरण, विभव, ऐश्वर्य, शील आदि असीम, अतिशय असंख्य
कल्याण गुरण गरणों से अलंकृत श्री लक्ष्मी के प्रियतम हैं ।
ऐसे ही विशेषरणों से विभूषित भूदेवी और नीला देवी के
नायक हैं । ६-७
जो आपके संकल्प के अनुगामी हैं अनुरूप स्वरूप, स्थिति
प्रवृत्ति के भेद से सम्पन्न हैं पूर्ण शेषता विषयक प्रीति से युक्त,
तथा नित्य, निरवद्य, निरतिशय, ज्ञान, क्रिया, ऐश्वर्य आदि गुण-
Tha
i
sliding