2023-02-24 19:19:55 by ambuda-bot
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श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे
हे नाथ नारायण वासुदेव ।
पियस्वामृतमेतदेव
गोविन्द दामोदर माधवेति ॥
जिडे
KHIARAM
s
हे जिहे ! तू 'श्रीकृष्ण ! गोबिन्द ! हरे ! मुरारे ! हे नाथ !
नारायण ! वासुदेव ! तथा हे गोविन्द ! दामोदर !! माधव !!!'
नामामृतका ही निरन्तर प्रेमपूर्वक पान करती रह ।
हे नाथ नारायण वासुदेव ।
पियस्वामृतमेतदेव
गोविन्द दामोदर माधवेति ॥
जिडे
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हे जिहे ! तू 'श्रीकृष्ण ! गोबिन्द ! हरे ! मुरारे ! हे नाथ !
नारायण ! वासुदेव ! तथा हे गोविन्द ! दामोदर !! माधव !!!'
नामामृतका ही निरन्तर प्रेमपूर्वक पान करती रह ।