देशीशब्दकोश /95
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अवल्लय -- नौका खेने का उपकरण-
-विशेष ( आचूला ३।१६) ।
९ ) ।
अवल्लाव -- असत्य कथन, अपलाप ( दे १।३८ वृ) ।
) ।
अवल्लावअ— -- अपलाप, असत्य कथन ( दे ११।३८ ) ।
अवव--
अवव -- संख्या - -विशेष - -'चतुरशीतिरववाङ्गा शतसहस्राणि एकमववम्'
( ( जीवटी प ३४५ ) ।
अववंग -- संख्या -विशेष ( भ ५१।१८ ) ।
अवसंतुइय -- बाहर निकालकर ( दअचू पृ ११५.) ।
) ।
अवसमिआ -- गूंदा हुआ बासी आटा (दे दे १।३७) ।
) ।
अवसह--- १ उत्सव । २ नियम ( दे १ । ।५८ )
अवसावण-
देशी शब्दकोश
- -- १ काञ्जिका-'अवसावणं लाडाणं कंजियं भण्णई'
( बृटी पृ ८७१ ) । २ भात वगैरह का पानी ।
अवह –
अवह -- शरीर का अवयव ( अंवि पृ ६६ ) ।
अवहट्ट–-- अभिमानी, अहंकारी ( दे १ । २३ ) ।
।२३ ) ।
अवहड–-- मुसल ( दे १ ३२ ) ।
६
-
।२३ ) ।
अवहण्ण -- उलूखल ( दे १ । ।२६ वृ) ।
) ।
अवहत्थरा- -- पाद-प्रहार ( दे १ । ।२२ वृ ) ।
अवहन्न-
- -- ऊखल ( बृभा २६३३ ) ।
अवहाअ -- विरह (दे ११ दे १।३६) ।
) ।
अवहित्था-
- -- मन की अस्त-व्यस्तता, अकुलाहट ( से १११।९ टी) ।
) ।
अवहेअ -- दया- पात्र, अनुकंपा का पात्र ( दे १॥२२ ) ।
।२२ ) ।
अवहेडग -- आधासीसी रोग ( उशाटी प १४३)।
अवहेडय– -- आधासीसी रोग, आधे शिर का रोग ( उनि १५० ) ।
अवहेडिय— -- नीचे की तरफ मुड़ा हुआ, झुका हुआ - -'अवहेडिय पिट्ठसउत्तमंगे
' ( उ १२।२६) ।
९ ) ।
अवहेरी—-- तिरस्कार, अवहेलना ( उसुटी प १६२) ।
) ।
अवहोडय- -- बन्धन का एक प्रकार, हाथ और सिर को पीठ से बांधना-
'अवहोडएण जक्खस्सेव पुरओ बंधेऊण' ( उसुटी प ३५ ) ।
अवार— -- बाजार, दुकान ( निचू २ पृ १६०; दे १९१२) ।
।१२ ) ।
अवारी–-- दुकान, बाजार ( दे ११ १२ ) ।
-
।१२ ) ।
अवालुआ— -- होठ का प्रान्त भाग ( दे ११।२८ ) - -'अवलुआ फुडं फुडइ' (वृ)
।
अविअ -- कहा हुआ ( दे १८।१० ) ।
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अवल्लाव -- असत्य कथन, अपलाप ( दे १।३८ वृ
अवल्लावअ
अवव--
अवव -- संख्या
(
अववंग -- संख्या
अवसंतुइय -- बाहर निकालकर ( दअचू पृ ११५
अवसमिआ -- गूंदा हुआ बासी आटा (
अवसह
अवसावण
देशी शब्दकोश
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( बृटी पृ ८७१ ) । २ भात वगैरह का पानी ।
अवह –
अवह -- शरीर का अवयव ( अंवि पृ ६६ ) ।
अवहट्ट
अवहड
६
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अवहण्ण -- उलूखल ( दे १
अवहत्थरा
अवहन्न
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अवहाअ -- विरह (
अवहित्था
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अवहेअ -- दया-
अवहेडग -- आधासीसी रोग ( उशाटी प १४३)।
अवहेडय
अवहेडिय
अवहेरी
अवहोडय
अवार
अवारी
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अवालुआ
अविअ -- कहा हुआ ( दे १
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