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देशी शब्दकोश
 
१६
 
अभिण्णपुड-- खाली पुडिया जिसको बच्चे लोगों को ललचाने के लिए रास्ते
पर रख देते हैं ( दे १।४४) ।
 
अभिनिपिया -- प्रत्येक का पृथक्-पृथक् चूल्हा (व्य ६ । १०) ।
 
अभिनिव्वगड -- १ अनेक और निश्चित परिक्षेप वाला स्थान ।
 
पृथग् परिक्षेप वाला स्थान (बृ १ । ११ टी पृ ६४६)।
३ वह परिक्षेप जिसमें प्रवेश और निष्क्रमण का एक द्वार
हो पर भीतर अनेक घर हों ( व्यभाटी प ४ ) ।
 
अमंगुल - - इष्ट (निचू ३ पृ १४२ ) ।
 
अमज्जाइल्ल – अमर्यादित, अव्यवस्थित (निभा ४०३ ) ।
अमणाम - - मन के लिए अप्रिय (स्था २ २३३) ।
अमय - -१ चन्द्रमा, चांद (दे १ । १५) । २ असुर, दैत्य ।
अमयणिग्गम – चन्द्रमा ( दे १ । १५ ) ।
 
अमाघाय – अमारि - अमाघातो रूढिशब्दत्वात् अमारिरित्यर्थ.' ( उपाटी पृ ६१ ) ।
अमिय - प्राप्त - अमिया गावीतो, जुज्झं संपलग्गं' ( निचू ३ पृ १९७) ।
अमिल - -- १ मेष, भेड़ (ओनि ३६८) । २ भांड-विशेष (अंवि पृ ७२) ।
अमिला – १ भेड़ की ऊन से बना वस्त्र (आचूला ५११४) । २ देश-विशेष
में सूक्ष्म रोओं से निर्मित वस्त्र ( निचू २ पृ ३६९) ।
 
अमुदग्ग–अतीन्द्रिय मिथ्याज्ञान विशेष, जीव पुद्गलों से बना हुआ नहीं है -
ऐसा ज्ञान (स्था ७(२) ।
 
२ पृथग्-
अमुय- अस्मृत, अज्ञात
 
भ १।४२६)।
 
अमोग्गतिया -- सम्मुख जाना, त्वरित गति से जाना— 'तस्सागमणवेलाए
सव्वो परियणो पच्चोवणीए णिग्गतो अमोग्गतिया एति'
(निचू ३ पृ ४११) ।
 
अमोसली–अप्रमादयुक्त प्रतिलेखना का एक प्रकार (स्था ६।४६)।
अम्मका - मां (आवदीप ८० ) ।
 
अम्मगा - मां ( भ ६।१४८ ) ।
 
अम्मणअंचिअ - अनुगमन, पीछे-पीछे जाना (दे ११४६) ।
 
अम्मया - माता, अम्बा (ज्ञा १ । ६ । ४) ।
 
अम्मा -- मां (अंत ५११६; दे ११५ ) ।
 
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अम्माइआ -- अनुगमन करने वाली पीछे-पीछे जाने वाली ( दे ११२२ ) ।
अम्मिय – प्राप्त ( बूटी पृ ७७६ ) ।
 
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