देशीशब्दकोश /73
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अंबसमी- गूंदा हुआ बासी गीला आटा ( दे १।३७ ) ।
अंबाडग– बहुबीज वाला आम्रातक फल ( प्रज्ञा १।३६ ) ।
अंबाडगधूवि— खाद्यपदार्थ-विशेष (अंवि पृ ७१) ।
अंबाडिय- तिरस्कृत ( बूटी पृ ५४ ) ।
अंबिर-- आम्र ( दे १।१५ ) ।
अंबिलिका - इमली ( अंवि पृ ७० ) ।
अंबुसु - सिंह से भी अति बलवान पशु, शरभ ( दे १।११ ) ।
अंबेट्टिआ–मुष्टिद्यूत, बालकों द्वारा मुट्ठी से खेला जाने वाला जूआ - ' मा रम
अंबेट्टिआइ पुत्त ! तुमं' ( दे १।७ वृ) ।
अंबेट्टी–मुष्टिद्यूत, बच्चों की क्रीडा-विशेष जो 'एकीबेकी' के रूप में खेली
जाती है (दे १।७) ।
अंबेल्ली - खट्टी राब-'एहि किराइं सीतलीहोति अंबेल्ली'
(आवचू १ पृ १११) ।
अंबेसी – घर का द्वार-फलक (१।८)।
अंबोच्ची– फूलों को चुनने वाली स्त्री ( दे १।९) ।
@@@
अकंडतलिम – १ नि:स्नेह । २ अविवाहित (दे १९।६०) ।
अकरंडुय- मांस के उपचित होने के कारण जिसके पीठ के पास की हड्डी
दिखाई न पड़े ( प्र ४।७ टी प ८१ ) ।
।
अकारय - भोजन की अरुचि, रोग -विशेष (ज्ञा १ । ।१३ । ।२८ ) ।
अकासि - निषेध-सूचक अव्यय, पर्याप्त ( दे ११।८ ) ।
अकोप्प - रम्य ( प्र ४१।८) ।
अक्क - दूत ( दे ११।६ ) ।
अक्कंत - प्रवृद्ध, बढ़ा हुआ ( दे १।६) ।
९) ।
अक्कंद – परित्राता, रक्षा करने वाला ( दे १ । ।१५ ) ।
अक्कबोंदि – वल्ली विशेष ( भ २२१।६ ) ।
अक्कसाला- - १ बलात्कार । २ उन्मत्त - -सी स्त्री ( दे ११।५८) ।
।
अक्का – भगिनी, बहिन ( दे ११६ ) । अक्का (कन्नड ) ।
)।
अक्कुट्ठ - अध्यासित, अधिष्ठित ( दे १ । ११ ) ।
।११ ) ।
अक्कोड – बकरा (दे १ । ।१२) ।
देशी शब्दकोश
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।
अक्कोडिय-- चुभाना, घुसाना- 'तंबियाओ सुईओ....••••वीससु वि अंगुलीनहेसु
अक्कोडियाओ' (बृटी पृ ५७ ) ।
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पास की हड्डी
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)।
अंबाडग– बहुबीज वाला आम्रातक फल ( प्रज्ञा १।३६ ) ।
अंबाडगधूवि— खाद्यपदार्थ-विशेष (अंवि पृ ७१) ।
अंबाडिय- तिरस्कृत ( बूटी पृ ५४ ) ।
अंबिर-- आम्र ( दे १।१५ ) ।
अंबिलिका - इमली ( अंवि पृ ७० ) ।
अंबुसु - सिंह से भी अति बलवान पशु, शरभ ( दे १।११ ) ।
अंबेट्टिआ–मुष्टिद्यूत, बालकों द्वारा मुट्ठी से खेला जाने वाला जूआ - ' मा रम
अंबेट्टिआइ पुत्त ! तुमं' ( दे १।७ वृ) ।
अंबेट्टी–मुष्टिद्यूत, बच्चों की क्रीडा-विशेष जो 'एकीबेकी' के रूप में खेली
जाती है (दे १।७) ।
अंबेल्ली - खट्टी राब-'एहि किराइं सीतलीहोति अंबेल्ली'
(आवचू १ पृ १११) ।
अंबेसी – घर का द्वार-फलक (१।८)।
अंबोच्ची– फूलों को चुनने वाली स्त्री ( दे १।९) ।
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अकरंडुय- मांस के उपचित होने के कारण जिसके पीठ के पास की हड्डी
दिखाई न पड़े ( प्र ४।७ टी प ८१ )
अकारय - भोजन की अरुचि, रोग
अकासि - निषेध-सूचक अव्यय, पर्याप्त ( दे १
अकोप्प - रम्य ( प्र ४
अक्क - दूत ( दे १
अक्कंत - प्रवृद्ध, बढ़ा हुआ ( दे १।
अक्कंद – परित्राता, रक्षा करने वाला ( दे १
अक्कबोंदि – वल्ली विशेष ( भ २२
अक्कसाला- - १ बलात्कार । २ उन्मत्त
अक्का – भगिनी, बहिन ( दे ११६ ) । अक्का (कन्नड
अक्कुट्ठ - अध्यासित, अधिष्ठित ( दे १
अक्कोड – बकरा (दे १
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अक्कोडिय-- चुभाना, घुसाना- 'तंबियाओ सुईओ
अक्कोडियाओ' (बृटी पृ ५७
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पास की हड्डी
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