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परिशिष्ट १
 
सप्पासंग – दीर्घ
 
सफर - मुसाफिरी
 
सबिस-मदिरा.
 
समाणिय-भुक्त
 
समारोडिय-रौंदा गया
 
समुत्तुण - गर्वित
समुप्पित्थ- भयभीत
 
समुप्पुसिअ-प्रोंछित, पोंछा हुआ
 
समुव्वग्ग – उद्वेलित
समोलइल – समुत्क्षिप्त
 
-
 
समचाइअ-बलवान्
 
समन्भिडिय- भिड़ा हुबा
 
सविला - पासा
 
समरट्ट - गर्व युक्त - सगर्व इत्यर्थे देशी सहर – सहायक
 
साइआ- सारिका
 
साउली - - १ वस्त्र । २ वस्त्राञ्चल
 
समराइअ - पिसा हुआ, आटा
समलहिय – अभिलिप्त
समसोसिआ - स्पर्धा
समहत्य - पैंतरा
 
साड - विध्वंसक
 
साडी - साड़ी
 
समाणण- भोजन, भक्षण
 
सम्हर-स्मरणीय
 
सय - हाथ
सरवद- स्वरोदय
 
सरसरट-छिपकली
 
सरिवअ - हंस
 
सरिस - १ साथ । २ तुल्यता,
 
समानता
 
सरी — माला, हार
सरोल्लइ–काम-पीडा
 
सरु जा-वाद्य-विशेष
 
सरेबाअ - हंस
 
-
 
सल -- चिता
 
सलवट्टि सलवट, सिकुड़ना
सलवल-- अनुकरणवाची शब्द
 
सवलहण — विलेपन
सवलिआ——भरोच
जैन मन्दिर
सवातिष्णि- सवा तीन,
 
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का एक प्राचीन
 
साणिअ - शान्त
 
सामिसाल - स्वामी
 
सारिनर - महावत
 
सारी - अच्छा
सारोवही - लज्जा
 
-
 
साल - वृक्ष
सालक्किआ - सारिका, मैना
 
५०१
 
साहग – कथक, कहने वाला
साहाणुसाहि- शक देश का सम्राट्
 
साहार -- १ साहुकार । २ सहारा,
 
उपकार । ३ साधारण । ४ आम्र
 
-
 
साहालय – दघिशाला
 
साहिण - कहने वाला
साहुल- मयूर पिच्छ
साहुलिआ - १ वस्त्र । २ शिरोवस्त्र-
खंड । ३ शाखा । ४ भौं ।
५ हाथ । ६ कोयल । ७ सदृश ।
८ सखी । ६ मयूर पिच्छ
 
सिअणअ - श्मशान
सिअल्लि – वृक्ष विशेष
सिंचाण- बाज पक्षी
सिंजिर - ध्वनि
 
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