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परिशिष्ट १
 
घट्टइ – निश्चित
बट्टउ - कटोरी
वट्टमग–मार्ग
 
-
 
बट्टाविअ - समापित
घट्टु – पात्र - विशेष
 
वटुत्तिविडि–बर्तनों या घड़ों को
एक पर एक चिनना (वडेर-
राजस्थानी )
 
वडप्फर--बड़ा फलक
 
वडलसर-जपवान्
 
वडिणाय - घर्घर कण्ठ
वडिया – उद्देश
 
वडिसाअ - टपका हुआ
 
-
 
वडुमग – मार्ग, रास्ता
वड्डइअ - चर्मकार
वड्डारय - महत्तर
 
वड्डिम – १ टपका हुआ । २ बड़ाई,
 
श्लाघा
 
वांडुल – बड़ा, महान्
वड्डुअ - बड़ा
वड्डुल–बढ़ा
बड्डया-वाटिका
 
चड्ढारय
– बड़ा
 
वड्ढुअर - बृहत्तर
 
वढ - १ मूक । २ मूढ । ३ वट
वढत्तण-मूढता
 
वणनत्तडिअ - पुरस्कृत, आगे किया
 
हुआ
वण सुणअ - भेड़िया
 
वत्ता रहण - रस्सी पर नाचने वाला
 
नट
 
चन्द्र- समूह
 
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वपक्षअ
 
भार
 
वप्प - १ पिता । २ बाप रे
 
वप्पाहय – चातक पक्षी
वप्पिअ - परिपूर्ण
वप्पिक्की - पतकी
वप्पिवअ खेत
 
वप्पीह – कुमार
 
वम्मल – कोलाहल
वम्मीसण – कामदेव
 
वम्मुल्लूरण -- मर्मवेधक
वम्मुल्लूरिय–मर्मविद्ध
 
वयंग – फल विशेष
 
वयणुल्ल – मुख
 
वयाल - - कोलाहल
 
वयालिय–व्याप्त
 
वरंडिया -- छोटा बरंडा
 
वरडा -- १ तैलाटी, कीट-विशेष ।
२ दंश भ्रमर
 
वरत्त - १ पीत । २ पतित ।
 
३ पेटित, संहत
 
वरय - वराक, बेचारा
 
वरह - रज्जु
 
वरालय - वाहन-विशेष
 
४६५
 
वराहव - राहु
वरिल्ल ----वस्त्र
 
वरुय – वृक, भेड़िया
 
वलइल्ल - वल्लभ
 
-
 
वल विकअ - उत्संगित, उत्संग स्थित
वलत्थ - पर्यस्त
 
वलविअ – जपवान्
वल हिय – बरामदा
चलाएल्लण-
-वल्लभ
 
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