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परिशिष्ट १.
 
भेखस-राक्षस
भेज्जल्ल – भीरु, डरपोक
मेड चित्त - भीरुचित्त, कायर
 
-
 
मेल – अतिवृद्ध
भोट्टण-
भूतक
 
भोल – १ भद्र, सरल चित्तवाला ।
 
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२ मूढ
भोलवणा - वञ्चना, प्रतारण
भोलविय-वञ्चित, ठमा हुआ
 
महअ - विस्तीर्ण
 
मइयवट्ट - विनाशक, मर्दक
मइलण मलिनीकरण
 
मइलपुती- पुष्पवती, रजस्वला
 
मइल्ल ~ मलिन
 
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महब्वण - क्षेत्रपाल
 
मंकण बंदर
 
मंकुस – नेवला
मंगि – स्त्री
 
मंजर - मार्जार
 
मंजीरय - पैर का आभूषण- विशेष
 
मंट - १ मूक । २ आलसी ।
 
-
 
३ बौना
मंटिय-बौना
 
मंठ - १ ऊंचा नीचा । २ मंद ।
 
३ मृष्ट
मंठुवयंठ - समीपस्थ प्रदेश
 
मंड - बलात्कार
मंडय - चपाती, मांडा
मंडल काक
 
मंडिअ - १ रचित, बनाया हुआ ।
२ बिछाया हुआ । ३ आगे धरा
 
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हुआ । ४ आरब्ध
 
मंतक्खर-
'-लज्जा.
 
मंदीरय – मंथानक
 
मंभोस-
- अभय देना
 
मक्खण – नवनीत
 
मडक्क – १ गर्व । २ मटका
 
मडक्किया-छोटा मटका
मडप्पर - गर्व, अभिमान
मडहिब-अल्पीकृत, न्यून किया
 
हुआ
मडहुल्ल – लघु
 
महु - अलस
 
मडुल्ल - गर्वित
 
मढिगा- कुटीर
मदोली- दूती
 
मद्द - बलात्कार
 
मद्दणसलामा - सारिका, मैना
मन - निषेधार्थक अव्यय, मत, नहीं
 
मन्नुसिय – उद्विग्न
 
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मप्प - माप, बाट
 
-
 
मप्पा - आज्ञा
 
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मभक्खर - सुरा
 
मम्भोसिय– डरो मत- ऐसा अभय
 
वचन
 
मम्मक्क १ गर्व । २ उत्कंठा
 
मम्मण - अव्यक्त वचन
मम्मोस - अभय वचन
 
मयण
 
-१ मैना, सारिका । २ मोम
सिक्थ
 
मयहरिगा - वेश्यामाता
मयासि – देव
मरजीब – मोती के लिए समुद्र में
कोता लगाने वाला
 
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