देशीशब्दकोश /551
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४५२
पच्चार-उपालम्भ
पच्चारिअ --उपालंभ प्राप्त
पच्चालिय-प्लावित
पच्चा वेणिअ –सन्मुख आगत
पच्चुअ - दीर्घ
-
पच्चुच्छाहण--मंदिरा, सुश
पच्चुडरिअ – प्रत्युद्गत
पच्चोल्लिड – प्रत्युत
पच्छल – पश्चात्
पझामुर – वृद्ध
पट्ट-वस्त्र
पड - ग्राम की सीमा का स्थान
पडअसाइमा - भील के सिर पर
पहनी जाने वाली पत्रपुटी
पडंसुआ— प्रतिध्वनि
पडंसुगा--मौर्वी, धनुष्य की डोरी
पडड्डाली – क्रीडा
पडमा - तंबू
पडहच्छ -१ समूह । २ प्रतिपूर्ण
पडहत्य - प्रतिपूर्ण
पडार — चोरों का समूह
पडिअ - १ मंगलपाठक । २ आचार्य
पडिउंचण–प्रतिकार
पडिक्किआ - प्रतिकृति
पडिज्झय - विसर्जक
-
पडिपल्लिल - पूजनीय
-
पडिरिग्गअ – भग्न
पडिसिद्धि – प्रतिस्पर्धा
पडिसोत्त- प्रतिकूल
-
पडिहस्थिय - परिपूर्ण
पडुज्जइणी-युवती, तरुणी
पडोल्लिय – अध्यन्त आक्रुष्ट
Br
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पडु - बायां हाथ
पडल्ल - निर्धन
देशी शब्दकोश
पढुक्क – प्रवृत्त
- प्रवृत्त इत्यर्थे देशी
पत्तण्णी - रथ्या
पत्तल -१ पतला, कृश, छोटा-
यवीयस इत्यर्थे देशी ।
२ सुन्दर
पत्तलि -- पत्तों का बना भाजन
पत्तलिया – दुबली - कृशा इत्यर्थे देशी
-
पत्तुट्ठ - प्रवीण
पत्थण- मोटा वस्त्र
पत्थर - मौर्वी, प्रत्यंचा
पत्थरी - १ बिछौना । २ समूह
पत्थी – पात्र, भाजन
पत्थेवाअ - पाथेय
पथिप्पिर --
गलता हुआ
पबोल्लिअ – प्रकथित, कहा हुआ
पमय-मर्कट
पम्हलिअ-धवलित, सफेद किया
हुआ
पहुट्ठ - १ प्रमुषित । २ प्रमृष्ट
परइ - प्रभात
परट्ट - १ भीत । २ पतित ।
३ पीडित
परभत्त - १ भीरु । २ निष्पीड
परय – १ प्रभात । २ आने वाला
दिन
परवाली - पर स्त्री
परिअंभअ – कर्मकृत्
-
परिअट्टविअ - परिच्छिन्न
परिअट्टिअ - प्रकटित, व्यक्त
परिअड्डिअ - प्रकटित
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पच्चार-उपालम्भ
पच्चारिअ --उपालंभ प्राप्त
पच्चालिय-प्लावित
पच्चा वेणिअ –सन्मुख आगत
पच्चुअ - दीर्घ
-
पच्चुच्छाहण--मंदिरा, सुश
पच्चुडरिअ – प्रत्युद्गत
पच्चोल्लिड – प्रत्युत
पच्छल – पश्चात्
पझामुर – वृद्ध
पट्ट-वस्त्र
पड - ग्राम की सीमा का स्थान
पडअसाइमा - भील के सिर पर
पहनी जाने वाली पत्रपुटी
पडंसुआ— प्रतिध्वनि
पडंसुगा--मौर्वी, धनुष्य की डोरी
पडड्डाली – क्रीडा
पडमा - तंबू
पडहच्छ -१ समूह । २ प्रतिपूर्ण
पडहत्य - प्रतिपूर्ण
पडार — चोरों का समूह
पडिअ - १ मंगलपाठक । २ आचार्य
पडिउंचण–प्रतिकार
पडिक्किआ - प्रतिकृति
पडिज्झय - विसर्जक
-
पडिपल्लिल - पूजनीय
-
पडिरिग्गअ – भग्न
पडिसिद्धि – प्रतिस्पर्धा
पडिसोत्त- प्रतिकूल
-
पडिहस्थिय - परिपूर्ण
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पडल्ल - निर्धन
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पढुक्क – प्रवृत्त
- प्रवृत्त इत्यर्थे देशी
पत्तण्णी - रथ्या
पत्तल -१ पतला, कृश, छोटा-
यवीयस इत्यर्थे देशी ।
२ सुन्दर
पत्तलि -- पत्तों का बना भाजन
पत्तलिया – दुबली - कृशा इत्यर्थे देशी
-
पत्तुट्ठ - प्रवीण
पत्थण- मोटा वस्त्र
पत्थर - मौर्वी, प्रत्यंचा
पत्थरी - १ बिछौना । २ समूह
पत्थी – पात्र, भाजन
पत्थेवाअ - पाथेय
पथिप्पिर --
गलता हुआ
पबोल्लिअ – प्रकथित, कहा हुआ
पमय-मर्कट
पम्हलिअ-धवलित, सफेद किया
हुआ
पहुट्ठ - १ प्रमुषित । २ प्रमृष्ट
परइ - प्रभात
परट्ट - १ भीत । २ पतित ।
३ पीडित
परभत्त - १ भीरु । २ निष्पीड
परय – १ प्रभात । २ आने वाला
दिन
परवाली - पर स्त्री
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