देशीशब्दकोश /550
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परिशिष्ट १
व्याकुल बना हुआ
धसक्क - हृदय की घबराहट की
आवाज
धसक्किय-अत्यन्त घबराया हुआ
धाडय-
- डाका डालने वाला
( राज) धाडेती
धारायर - निशाचर
धाह – आक्रोश, क्रन्दन
( मराठी-धाय)
धाहाविय-शोकयुक्त
-
धाहिय – पलायित, भागा हुआ
धिज्जाइय–
ब्राह्मण
धिरत्थु – धिक्कार है
धिसि धिसि - धिक्-धिक्
धोया - पुत्री (पंजाबी - धी)
ध्रुअराय – भ्रमर, भौंरा
धुंधुमारि – १ कोलाहल ।
२ धूल-धक्कड
धुक्कोडिअ - संशय
धुक्कोडिया – शंका
धुड़की- मौन
धुत्तीरय-धतूरे का पौधा
धुत्तीरिअ - धतूरे के पान से ग्रस्त
धुम्मुक्क – वाद्य-विशेष
ध्रुवगाय – भ्रमर
-
धुहअ – पुरस्कृत, आगे किया हुआ
धूमद्धमअहिसोअ- कृत्तिका नक्षत्र
धूमवत्ति- सुगंधित पानी
धूलिहडी – पर्व - विशेष
धोरण- वाहन
-
धोरणी- पंक्ति
धोवी - धोबी, रजक
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प
पइ – 'तुमने' अर्थ का द्योतक अव्यय
पइअ— विस्तीर्ण
पइद - प्रवृत्त
पइसइ – कोमल
पओलि – मार्ग
४८१
पओलिय – पक्व
पंगुत्त - १ ढका हुआ - प्रावृत्त इत्यर्थे
देशी । २ प्रावरण
पंगुरण – प्रावरण
पंगुरुण – प्रावरण-
प्रावरण इत्यर्थे
देशी
पंचरिअ - जहाज का कर्मचारी-
विशेष
पंचावण्णा–पचपन की संख्या
पंचेडिम–विनाशित
पंजिअ— यथेच्छ दान, मुंह मांगा दान
पंजोहार – धान्यादि प्रदेश
पंडरंगु- - ग्राम का अधिपति
पंडार – ग्वाला
पंभल – सुन्दर अक्षि-लोम वाला
पकोक्किय– आहूत, बुलाया हुआ -
आहूत इत्यर्थे देशी
पक्कड्डिअ - प्रस्फुरित
-
पक्कण – १ अति शोभावान् ।
२ भग्न । ३ श्लक्ष्ण
पक्खखारिय- सन्नद्ध
पक्खुलिया— दासी
पक्खोडिय–कम्पित
पगल-पग, पांव
पग्गल - पागल
पच्चल - प्रचुर
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व्याकुल बना हुआ
धसक्क - हृदय की घबराहट की
आवाज
धसक्किय-अत्यन्त घबराया हुआ
धाडय-
- डाका डालने वाला
( राज) धाडेती
धारायर - निशाचर
धाह – आक्रोश, क्रन्दन
( मराठी-धाय)
धाहाविय-शोकयुक्त
-
धाहिय – पलायित, भागा हुआ
धिज्जाइय–
ब्राह्मण
धिरत्थु – धिक्कार है
धिसि धिसि - धिक्-धिक्
धोया - पुत्री (पंजाबी - धी)
ध्रुअराय – भ्रमर, भौंरा
धुंधुमारि – १ कोलाहल ।
२ धूल-धक्कड
धुक्कोडिअ - संशय
धुक्कोडिया – शंका
धुड़की- मौन
धुत्तीरय-धतूरे का पौधा
धुत्तीरिअ - धतूरे के पान से ग्रस्त
धुम्मुक्क – वाद्य-विशेष
ध्रुवगाय – भ्रमर
-
धुहअ – पुरस्कृत, आगे किया हुआ
धूमद्धमअहिसोअ- कृत्तिका नक्षत्र
धूमवत्ति- सुगंधित पानी
धूलिहडी – पर्व - विशेष
धोरण- वाहन
-
धोरणी- पंक्ति
धोवी - धोबी, रजक
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प
पइ – 'तुमने' अर्थ का द्योतक अव्यय
पइअ— विस्तीर्ण
पइद - प्रवृत्त
पइसइ – कोमल
पओलि – मार्ग
४८१
पओलिय – पक्व
पंगुत्त - १ ढका हुआ - प्रावृत्त इत्यर्थे
देशी । २ प्रावरण
पंगुरण – प्रावरण
पंगुरुण – प्रावरण-
प्रावरण इत्यर्थे
देशी
पंचरिअ - जहाज का कर्मचारी-
विशेष
पंचावण्णा–पचपन की संख्या
पंचेडिम–विनाशित
पंजिअ— यथेच्छ दान, मुंह मांगा दान
पंजोहार – धान्यादि प्रदेश
पंडरंगु- - ग्राम का अधिपति
पंडार – ग्वाला
पंभल – सुन्दर अक्षि-लोम वाला
पकोक्किय– आहूत, बुलाया हुआ -
आहूत इत्यर्थे देशी
पक्कड्डिअ - प्रस्फुरित
-
पक्कण – १ अति शोभावान् ।
२ भग्न । ३ श्लक्ष्ण
पक्खखारिय- सन्नद्ध
पक्खुलिया— दासी
पक्खोडिय–कम्पित
पगल-पग, पांव
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पच्चल - प्रचुर
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