देशीशब्दकोश /533
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४६४
गोमिआ— कनखजूरा, श्रीन्द्रिय
जन्तु विशेष
गोय – उदुम्बर, गूलर आदि का फल
गोर - १ ग्रीवा । २ आंख ।
३ हल की रेखा, सीता
गोरडित -- स्रस्त, ध्वस्त
गोरप्पडिआ-गोधा
गोरिहिअ - त्रस्त
गोला - गाय
गोसाविआ - १ वेश्या । २ मूर्ख-
जननी
गोसिय – प्राभातिक, प्रातःकाल-
सम्बन्धी
गोहत्तण-पौरुष
गोहली-गोधूमाली
घ
घअअंद-दर्पण
घई -- शीघ्रवाची अव्यय
घंघलिअ- घबराया हुआ
घंचिय - तेली (घांची- गुज)
घग्घत्थण – खेद
घग्घर - १ घरघराहट ।२ क्षुद्र
-
घंटिका । ३ घाघरा
घग्घरय
- क्षुद्रघण्टिका
घग्घरा - क्षुद्र घंटिका-
किंकिणी
शब्दार्थ देशी
घट्टसुअ-वस्त्र-विशेष, बूटेदार
कौसुम्भ-वस्त्र
घड - सृष्टीकृत, बनाया हुआ
घडइय-संकुचित
घडाघडी – गोष्ठी,
घण - बहुत
-
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सभा
घणवाहिअ - इन्द्र
घणघण-सातिशय
घणघणा- रथ के चक्कों की
ध्वनि
घत्ति - शीघ्र
घसिय-प्रेरित
देशी शब्दकोश
घत्थ- ग्रस्त
घरघरग-ग्रीवा का आभूषण
घरफरि-
-धरपटक करना
घलंजिया- गृहदासी- गृहदासीत्यर्थे
देशी
घल्लय - द्वीन्द्रिय जीव की एक
जाति
घल्लियय-क्षिप्त
घल्लोय-द्वीन्द्रिय जंतु- विशेष
घवक्कड - उद्दीप्त
घसणिअ—अन्विष्ट, गवेषित
घाडेरुय - १ खरगोश की एक
जाति । २ बन्धन- च्युत
घाणय – कोल्हू, घाणी
-
घार - १ गीध । २ प्रकार
घारिअ - जहर आदि के कारण
होने वाली सुषुप्ति
घित्त - १ गृहीत । २ क्षिप्त
घित्तय-क्षिप्त
घिरिहोल – मक्खी
घिवण-क्षेपण
घुंघुस्सिअ -- निःशंक कथन
-
घुग्घरय - उल्लू की आवाज
घुग्घुरुड - राशि, ढेर
—
घुग्घुस – घू-घू शब्द करने वाला
घुग्घुस्सुअ— निःशंक होकर गया
हुआ
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गोमिआ— कनखजूरा, श्रीन्द्रिय
जन्तु विशेष
गोय – उदुम्बर, गूलर आदि का फल
गोर - १ ग्रीवा । २ आंख ।
३ हल की रेखा, सीता
गोरडित -- स्रस्त, ध्वस्त
गोरप्पडिआ-गोधा
गोरिहिअ - त्रस्त
गोला - गाय
गोसाविआ - १ वेश्या । २ मूर्ख-
जननी
गोसिय – प्राभातिक, प्रातःकाल-
सम्बन्धी
गोहत्तण-पौरुष
गोहली-गोधूमाली
घ
घअअंद-दर्पण
घई -- शीघ्रवाची अव्यय
घंघलिअ- घबराया हुआ
घंचिय - तेली (घांची- गुज)
घग्घत्थण – खेद
घग्घर - १ घरघराहट ।२ क्षुद्र
-
घंटिका । ३ घाघरा
घग्घरय
- क्षुद्रघण्टिका
घग्घरा - क्षुद्र घंटिका-
किंकिणी
शब्दार्थ देशी
घट्टसुअ-वस्त्र-विशेष, बूटेदार
कौसुम्भ-वस्त्र
घड - सृष्टीकृत, बनाया हुआ
घडइय-संकुचित
घडाघडी – गोष्ठी,
घण - बहुत
-
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सभा
घणवाहिअ - इन्द्र
घणघण-सातिशय
घणघणा- रथ के चक्कों की
ध्वनि
घत्ति - शीघ्र
घसिय-प्रेरित
देशी शब्दकोश
घत्थ- ग्रस्त
घरघरग-ग्रीवा का आभूषण
घरफरि-
-धरपटक करना
घलंजिया- गृहदासी- गृहदासीत्यर्थे
देशी
घल्लय - द्वीन्द्रिय जीव की एक
जाति
घल्लियय-क्षिप्त
घल्लोय-द्वीन्द्रिय जंतु- विशेष
घवक्कड - उद्दीप्त
घसणिअ—अन्विष्ट, गवेषित
घाडेरुय - १ खरगोश की एक
जाति । २ बन्धन- च्युत
घाणय – कोल्हू, घाणी
-
घार - १ गीध । २ प्रकार
घारिअ - जहर आदि के कारण
होने वाली सुषुप्ति
घित्त - १ गृहीत । २ क्षिप्त
घित्तय-क्षिप्त
घिरिहोल – मक्खी
घिवण-क्षेपण
घुंघुस्सिअ -- निःशंक कथन
-
घुग्घरय - उल्लू की आवाज
घुग्घुरुड - राशि, ढेर
—
घुग्घुस – घू-घू शब्द करने वाला
घुग्घुस्सुअ— निःशंक होकर गया
हुआ
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