देशीशब्दकोश /526
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  परिशिष्ट १
  
  
  
   
  
  
  
करअडी–
स्थूल वस्त्र
   
  
  
  
करंड - १ शार्दूल । २ कौआ ।
३ अर्गला
   
  
  
  
करकट्ट - ले जाने योग्य पदार्थ
करकड - कठिन
   
  
  
  
करकडी – चिथड़ा जो प्राचीन काल
में वध्य पुरुष को पहनाया जाता
   
  
  
  
था
   
  
  
  
करचंड - अनर्थ करने वाला
करट्ट — अपवित्र अन्न को खाने वाला
   
  
  
  
ब्राह्मण
   
  
  
  
करड – कठिन – कठिन इत्यर्थे देशी
करणिल्ल - समान
   
  
  
  
करतक्कड – ध्वनिपरक सादृश्य
   
  
  
  
करयरंत --
करकर आवाज
   
  
  
  
करना – शब्दानुकरणे देशी
   
  
  
  
करल्ल – अवशुष्क
करव - जलपात्र
   
  
  
  
करविया - पान - पात्र विशेष
कसर – १ बलीवर्द, बैल । २ पांडुर
कसरक्क – कुड्मल, अर्ध विकसित
फूल
कसार- एक प्रकार की मिठाई
   
  
  
  
—
   
  
  
  
कसेर तृण- विशेष
कसेरु– तृण- विशेष
   
  
  
  
कसोति - खाद्य विशेष
   
  
  
  
कहकहंत – कह कह की आवाज -
शब्दानुकरणे देशी
   
  
  
  
कहोड - तरुण
   
  
  
  
काउल–कोल जाति
   
  
  
  
काऊसाय – कायोत्सर्ग
काणड्डी -- परिहास
   
  
  
  
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काणि – वैर
काणिक्क – बड़ी ईंट
कायपिउला – कोकिला
   
  
  
  
कायमाण-आसन
कारंड - नीड़
   
  
  
  
कारट्टय - मृत भोज
कारायणी – शाल्मली- वृक्ष
   
  
  
  
कारिल्ली – वल्ली विशेष
   
  
  
  
-
   
  
  
  
कालक्खरिअ - १ उपलब्ध,
निर्भत्सित । २ निर्वासित
   
  
  
  
कालण - मनुष्य
   
  
  
  
-
   
  
  
  
कॉलिंबअ - १ शरीर । २ मेघ
कालिया – १ ऋणवृद्धि ।
२ मेघमाला
कालियावअ - तूफान
   
  
  
  
- अश्व की एक उत्तम जाति
   
  
  
  
४५७
   
  
  
  
कालुय
कावंजय – पक्षी - विशेष
   
  
  
  
कावड - कांवर
कावडिअ – कांवर से भार ढोने वाला
कावाइय - चालाकी
काहल - - अधीर, उतावला
किं किय- सफेद, धवल
किंजुक्ख - शिरीष का वृक्ष
किक्किडी - सर्प
   
  
  
  
-
   
  
  
  
किडिकि डिजंत - किड-किड की
आवाज करता हुआ
   
  
  
  
किणइय– शोभित
   
  
  
  
किणो - प्रश्नवाचक अव्यय
   
  
  
  
किण्णरस -वाद्य विशेष
   
  
  
  
किण्हग – वर्षाकाल में घड़े आदि में
   
  
  
  
होने वाली एक तरह की काई
किपाड – स्खलित, गिरा हुआ
   
  
  
  
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स्थूल वस्त्र
करंड - १ शार्दूल । २ कौआ ।
३ अर्गला
करकट्ट - ले जाने योग्य पदार्थ
करकड - कठिन
करकडी – चिथड़ा जो प्राचीन काल
में वध्य पुरुष को पहनाया जाता
था
करचंड - अनर्थ करने वाला
करट्ट — अपवित्र अन्न को खाने वाला
ब्राह्मण
करड – कठिन – कठिन इत्यर्थे देशी
करणिल्ल - समान
करतक्कड – ध्वनिपरक सादृश्य
करयरंत --
करकर आवाज
करना – शब्दानुकरणे देशी
करल्ल – अवशुष्क
करव - जलपात्र
करविया - पान - पात्र विशेष
कसर – १ बलीवर्द, बैल । २ पांडुर
कसरक्क – कुड्मल, अर्ध विकसित
फूल
कसार- एक प्रकार की मिठाई
—
कसेर तृण- विशेष
कसेरु– तृण- विशेष
कसोति - खाद्य विशेष
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शब्दानुकरणे देशी
कहोड - तरुण
काउल–कोल जाति
काऊसाय – कायोत्सर्ग
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काणिक्क – बड़ी ईंट
कायपिउला – कोकिला
कायमाण-आसन
कारंड - नीड़
कारट्टय - मृत भोज
कारायणी – शाल्मली- वृक्ष
कारिल्ली – वल्ली विशेष
-
कालक्खरिअ - १ उपलब्ध,
निर्भत्सित । २ निर्वासित
कालण - मनुष्य
-
कॉलिंबअ - १ शरीर । २ मेघ
कालिया – १ ऋणवृद्धि ।
२ मेघमाला
कालियावअ - तूफान
- अश्व की एक उत्तम जाति
४५७
कालुय
कावंजय – पक्षी - विशेष
कावड - कांवर
कावडिअ – कांवर से भार ढोने वाला
कावाइय - चालाकी
काहल - - अधीर, उतावला
किं किय- सफेद, धवल
किंजुक्ख - शिरीष का वृक्ष
किक्किडी - सर्प
-
किडिकि डिजंत - किड-किड की
आवाज करता हुआ
किणइय– शोभित
किणो - प्रश्नवाचक अव्यय
किण्णरस -वाद्य विशेष
किण्हग – वर्षाकाल में घड़े आदि में
होने वाली एक तरह की काई
किपाड – स्खलित, गिरा हुआ
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