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परिशिष्ट १
 
अणुत्तुण- निरभिमानी
अणुदिव - प्रभात, प्रातःकाल
अणुमग्ग-पीछे-पीछे
अणुव्वाय--अखिन्न
 
अणुहंडिय–अनुभुक्त
अणोलिया - गिल्ली, डोली
 
अण्णसअ-आस्तृत
अण्णासय–विस्तृत,
 
अण्णोल-प्रभात
 
बिछाया हुआ
 
अत्तिल्ल - अत्यन्त
 
अत्तिहरी- दूती, समाचार पहुंचाने
 
वाली स्त्री
 
अत्थक्क अनवसर
 
अत्थविक -अकस्मात्
अत्थाईया - गोष्ठी-मण्डप
 
अत्थोडिय - आकृष्ट, खींचा हुआ
अथक्क अस्थिर
अट्टुमाअ- पूर्ण, भरा हुआ
अद्धधरणी-नववधू
 
अद्धच्छिपेच्छिअ– इधर-उधर दृष्ट
 
अद्धच्छिपेच्छिरि-इधर उधर
देखना
 
अद्धद्धा- -दिन अथवा रात्रि का एक
 
भाग
 
अद्धर- प्रच्छन्न, गुप्त
 
अन्नाहुत--पराङ्मुख
अपंडिअ -- विद्यमान
 
अपिट्ट - पुनरत, फिर से कहा हुआ
 
-
 
अपुण्ण - आक्रान्त
 
अप्पाअप्पि - उत्कण्ठा, औत्सुक्य
अप्पाण-निर्बल
अप्पुण–स्वयं
 
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अप्पुण्ण पूर्ण
अप्फरिअ—अधिक खाने से होने
वाला पेट का उभार - आफरा
इति भाषायां - 'अप्फरियपोट्टो'
 
अप्फाहेत - संदेश देता हुआ
अबहिट्ठ - मैथुन
 
अब्बा- माता
 
अब्बो-
- माता का सम्बोधन
अब्भडवंच – पहुंचाने जाना
 
अब्भहर-
--अभ्रक
अन्भिट्ट - अभिगत
अबिभट्ट - संगत, सामने आकर
भिड़ा हुआ
 
-
 
अब्भिड - संग्राम
अब्भिडिअ - समागत
अभिणिव्वागड-भिन्न परिधि
 
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वाला
 
अभिमर - हत्या
 
अभुल्ल – अभ्रान्त
इत्य देशी
अमयघडिय-चन्द्रमा, चांद
 
अमल - तेजहीन
 
अमार - १ नदी के मध्य का द्वीप
 
२ कमठ
 
अम्मच्छ – असंबद्ध
 
अम्मण - कितना
 
अम्माहीरय - राग, ध्वनि-विशेष
 
-
 
--अभ्रान्त
 
अम्हत्त – प्रमृष्ट प्रमार्जित
अयंगम - शिथिल शरीर
 
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अयडणा--कुलटा
 
अयुजरेवइ अचिर युवति, नवोढा
अरणि- १ रास्ता । २ पंक्ति
 
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