देशीशब्दकोश /513
This page has not been fully proofread.
४४४
अग्गल – अधिक
अग्गलय—अधिक
अग्गहणिया— सीमंतोन्नयन,
गर्भाधान के बाद किया जाने
वाला एक संस्कार और उसके
उपलक्ष्य में मनाया जाने वाला
उत्सव
अग्गहर-
-घर का अगला भाग
अग्गहिय – १ निर्मित, विरचित ।
२ स्वीकृत
अग्गिआय–इन्द्रगोप, क्षुद्रकीट-
विशेष
अग्गोवय – घर का एक भाग
अग्गुच्छ - प्रमित, निश्चित
अग्गोयर – उपहार
अचियंत अनिष्ट, अप्रीतिकर
-
अच्छक्क – असमय, अनवसर
अच्छरा- चुटकी, चुटकी की आवाज
अच्छुक्क–अक्षि-कूप-तुला, आंख का
कोटर
अच्छुद्धसिरि– इच्छा से अधिक फल
की प्राप्ति, असंभावित लाभ
अच्छोडाविय- बंधित, बंधाया
हुआ
अच्छोडिय--आकृष्ट,
अजड - १ शीघ्र करने वाला ।
खींचा हुआ
-
२ जार,
उपपति
अजणिक्क- सायंकालीन भोजन
अजम-१ सरल । २ अजवाइन
-
अज्जम -- ऋजु
अज्झोलिया - बार-बार दोहन करने
-
योग्य गाय
अट्टण्ण- आर्तज़
Jain Education International
देशी शब्दकोश..
अट्टल -- अनपराध
अट्टवसट्ट- — अत्यन्त खिन्न
अट्ठिलिय– अस्थि
अड- उद्यान, बगीचा
अडपल्लण-वाहन-विशेष
अडयण – कुलटा, व्यभिचारिणी
अडवडण- -स्खलना, रुक-रुककर
चलना
अडा- प्रलंबित केश
अडाल-बलात्
अड्डुवियड्डु-
-अस्त-व्यस्त
अड्डय – शस्त्र - विशेष
अड्डाय – वऋ
अड्डिम्म-अतिरिक्त
अणउंछिय– अपृष्ट, अनपूछा
—
*
अणक्ख - १ लज्जा । २ क्रोध ।
३ अपवाद
अणखालय — अस्खलित
अणग्गपल्लट्ट – पुनरुक्त
अणड-- अनृत, झूठा
अणरहू - नववधू
अणहवणय – तिरस्कृत, भत्सित
अणहुल्लिय- जिसका फल प्राप्त न
हुआ हो वह
अणालि – वक्रता
अणिभ – मुख, मुंह
अणियच्छिय – देखने में असमर्थ
-
अणिरिक्क - परतंत्र, पराधीन
अणुअज्झिय--प्रयात, प्रतिजागरित,
अणुअत्थ-प्रचुर
अणुझिअअ – १ प्रयत, प्रयत्नशील
२ सावधान
For Private & Personal Use Only
।
www.jainelibrary.org
अग्गल – अधिक
अग्गलय—अधिक
अग्गहणिया— सीमंतोन्नयन,
गर्भाधान के बाद किया जाने
वाला एक संस्कार और उसके
उपलक्ष्य में मनाया जाने वाला
उत्सव
अग्गहर-
-घर का अगला भाग
अग्गहिय – १ निर्मित, विरचित ।
२ स्वीकृत
अग्गिआय–इन्द्रगोप, क्षुद्रकीट-
विशेष
अग्गोवय – घर का एक भाग
अग्गुच्छ - प्रमित, निश्चित
अग्गोयर – उपहार
अचियंत अनिष्ट, अप्रीतिकर
-
अच्छक्क – असमय, अनवसर
अच्छरा- चुटकी, चुटकी की आवाज
अच्छुक्क–अक्षि-कूप-तुला, आंख का
कोटर
अच्छुद्धसिरि– इच्छा से अधिक फल
की प्राप्ति, असंभावित लाभ
अच्छोडाविय- बंधित, बंधाया
हुआ
अच्छोडिय--आकृष्ट,
अजड - १ शीघ्र करने वाला ।
खींचा हुआ
-
२ जार,
उपपति
अजणिक्क- सायंकालीन भोजन
अजम-१ सरल । २ अजवाइन
-
अज्जम -- ऋजु
अज्झोलिया - बार-बार दोहन करने
-
योग्य गाय
अट्टण्ण- आर्तज़
Jain Education International
देशी शब्दकोश..
अट्टल -- अनपराध
अट्टवसट्ट- — अत्यन्त खिन्न
अट्ठिलिय– अस्थि
अड- उद्यान, बगीचा
अडपल्लण-वाहन-विशेष
अडयण – कुलटा, व्यभिचारिणी
अडवडण- -स्खलना, रुक-रुककर
चलना
अडा- प्रलंबित केश
अडाल-बलात्
अड्डुवियड्डु-
-अस्त-व्यस्त
अड्डय – शस्त्र - विशेष
अड्डाय – वऋ
अड्डिम्म-अतिरिक्त
अणउंछिय– अपृष्ट, अनपूछा
—
*
अणक्ख - १ लज्जा । २ क्रोध ।
३ अपवाद
अणखालय — अस्खलित
अणग्गपल्लट्ट – पुनरुक्त
अणड-- अनृत, झूठा
अणरहू - नववधू
अणहवणय – तिरस्कृत, भत्सित
अणहुल्लिय- जिसका फल प्राप्त न
हुआ हो वह
अणालि – वक्रता
अणिभ – मुख, मुंह
अणियच्छिय – देखने में असमर्थ
-
अणिरिक्क - परतंत्र, पराधीन
अणुअज्झिय--प्रयात, प्रतिजागरित,
अणुअत्थ-प्रचुर
अणुझिअअ – १ प्रयत, प्रयत्नशील
२ सावधान
For Private & Personal Use Only
।
www.jainelibrary.org