देशीशब्दकोश /501
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हरिमिग्ग - लाठी, डंडा (दे ८।६३) ।
हरिमेला – वनस्पति विशेष (औप ६४) ।
हरियवण्णी - १ वैसा प्रदेश जहां प्रायः दुर्भिक्ष होता हो और वहां के लोग
हरित शाक आदि खाकर जीते हों । २ वैसे प्रदेश में राजा
किन्हीं घरों में दंड देकर पुरुष की बलि देता है । उस घर
पर आर्द्र वृक्ष की शाखा का चिह्न कर दिया जाता है, ताकि
वहां कोई भिक्षा के लिए न जाए (व्यमा ४।४ टीप ७० ) ।
सिद्धत्यग-हरियालियाकय मंगलमुद्धाणा'
( भ ११।१४० ) ।
हरियालिया - दूर्वा
W
हरियाडिया - चोरों द्वारा अपहृत ( वृ ११४५ ) ।
हरिसय आभूषण- विशेष ( जीव ३१५१३ ) ।
हलप्प – बहुभाषी, वाचाल (दे८६१ ) ।
हलप्फ लिअ – १ शीघ्र (८५६) २ आकुलता ( वृ ) ।
हलबंभ – हलकर्ष, ह्ल से विदारित भूमी- रेखा- 'एक्केक्कं हलबंभ देह'
(उशाटीप ११९ ) ।
हलबोल – कोलाहल ( कु पृ १९८; दे ८२६४)।
हलबोलिय – कोलाहल - 'हलबोलिए वट्टमाणे ( कुपृ १३५ ) ।
हलमलि - प्रसिद्ध ( से १२१८६ टी) ।
देशी शब्दकोश
हलहल - १ कोलाहल । २ कुतूहल ( दे ८१७४) । ३ युद्ध की उत्कंठा-
'हलहलशब्दो युद्धोत्कण्ठायां देशी' ( से १२१८६ ) । ४ क्षोभ-
विशेष - 'शब्दोऽयं देशी' ( से १५ । ३३ ) ।
हलहलय - १ हलचल - 'हिउग्गय हलहलयं वियरंतं परियणं पुरओ'
( कु पृ २०० ) । २ त्वरा (पा ८२७) ।
हलहला--हडबडी, कोलाहल ( कुपृ १६८ ) ।
हल हलि — प्रकंपित - 'ताव य हलहलीहूओ परियणो, खुहिया गयरी'
( कु पृ १८० ) ।
हला - सखी का सम्बोधन ( उसुटी प ६१ ) ।
हलाहला - बाम्हणी, जन्तु- विशेष (दे८६३) ।
हलि — स्त्री का संबोधन- 'लाडविसए समाणदयमण्णं वा आमंतणं जहा
ह्लि त्ति' (दअचू पृ १६८) ।
हलिया – १ छिपकली (दश्रु ८२६८ ) । २ बाम्हणी, कोट - विशेष
(दअचू पृ१८८ ) ।
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हरिमिग्ग - लाठी, डंडा (दे ८।६३) ।
हरिमेला – वनस्पति विशेष (औप ६४) ।
हरियवण्णी - १ वैसा प्रदेश जहां प्रायः दुर्भिक्ष होता हो और वहां के लोग
हरित शाक आदि खाकर जीते हों । २ वैसे प्रदेश में राजा
किन्हीं घरों में दंड देकर पुरुष की बलि देता है । उस घर
पर आर्द्र वृक्ष की शाखा का चिह्न कर दिया जाता है, ताकि
वहां कोई भिक्षा के लिए न जाए (व्यमा ४।४ टीप ७० ) ।
सिद्धत्यग-हरियालियाकय मंगलमुद्धाणा'
( भ ११।१४० ) ।
हरियालिया - दूर्वा
W
हरियाडिया - चोरों द्वारा अपहृत ( वृ ११४५ ) ।
हरिसय आभूषण- विशेष ( जीव ३१५१३ ) ।
हलप्प – बहुभाषी, वाचाल (दे८६१ ) ।
हलप्फ लिअ – १ शीघ्र (८५६) २ आकुलता ( वृ ) ।
हलबंभ – हलकर्ष, ह्ल से विदारित भूमी- रेखा- 'एक्केक्कं हलबंभ देह'
(उशाटीप ११९ ) ।
हलबोल – कोलाहल ( कु पृ १९८; दे ८२६४)।
हलबोलिय – कोलाहल - 'हलबोलिए वट्टमाणे ( कुपृ १३५ ) ।
हलमलि - प्रसिद्ध ( से १२१८६ टी) ।
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हलहल - १ कोलाहल । २ कुतूहल ( दे ८१७४) । ३ युद्ध की उत्कंठा-
'हलहलशब्दो युद्धोत्कण्ठायां देशी' ( से १२१८६ ) । ४ क्षोभ-
विशेष - 'शब्दोऽयं देशी' ( से १५ । ३३ ) ।
हलहलय - १ हलचल - 'हिउग्गय हलहलयं वियरंतं परियणं पुरओ'
( कु पृ २०० ) । २ त्वरा (पा ८२७) ।
हलहला--हडबडी, कोलाहल ( कुपृ १६८ ) ।
हल हलि — प्रकंपित - 'ताव य हलहलीहूओ परियणो, खुहिया गयरी'
( कु पृ १८० ) ।
हला - सखी का सम्बोधन ( उसुटी प ६१ ) ।
हलाहला - बाम्हणी, जन्तु- विशेष (दे८६३) ।
हलि — स्त्री का संबोधन- 'लाडविसए समाणदयमण्णं वा आमंतणं जहा
ह्लि त्ति' (दअचू पृ १६८) ।
हलिया – १ छिपकली (दश्रु ८२६८ ) । २ बाम्हणी, कोट - विशेष
(दअचू पृ१८८ ) ।
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