देशीशब्दकोश /472
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संभ
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संभोएत्ता
संल
संल -- पत्नी का भाई, साला ( अंकि पृ २१
संब
संवट्टि -- संवृत, संकुचित, एकत्रित ( उशाटी प १
संवट्टिअ -- संवृत, संकोचित ( दे
संबट्टिअ
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संवणिय
संवर -- १ शौचवादी (
संवाअअ -- १ नकुल, नेवला । २ बाज पक्षी ( दे
संविल्लिय
संवेल्ल
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४०३
संवेल्लिअ -- संवृत ( राज ६
संसप्पिअ -- कूदकर जाना ( दे
संसाहण -- अनुगमन ( दे
संसाहणा
संसुरुला -- कलह, लड़ाई ( निचू ४ पृ २३४ ) ।
संहिय
सकराह -- १ एक बार । २ एक साथ - 'सकराहं ति सकृत् अहवा सकराहंति
सकह
सकहा
सकुचिक
सकुलिया -- शकुनिका ( अनुद्वा ३२१ ) ।
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सगय
सगल
सगल -- बाहरी छाल - सगलं पुण तस्स बाहिरा छल्ली ( निचू ४ पृ ६६
. सगलग –
सगलग -- टुकड़ा - 'मोदगच्छोडियतं उच्छुसगलगं' ( आचू पृ ३६७ ) ।
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सगे
सग्गह -- मुक्त ( दे ८
सचक्कार
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