2023-05-04 14:08:10 by श्री अयनः चट्टोपाध्यायः

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देशी शब्दकोश
 
वियरग -- १ नदी आदि जलाशय के सूख जाने पर पानी के लिए किया जाने
वाला गढा ( ज्ञा १८१।१।१५६)९ ) । २ कूपिका, छोटाकूप-वियरगोत्ति-
कूविया' ( निचू ३ पृ ५८४)।
 
वियरय –
) ।
वियरय --
१ लघु स्रोत वाला जलाशय जो सोलह हाथ विस्तृत होता है ।
नदी या महागर्त में इसका संकुचन तीन हाथ विस्तृत होता है
(
( व्यभा ४।३ टी प ६ ) । २ गत (र्त ( ज्ञा १।१७।२२) ।
 
) ।
वियली -- घर के चार कोनों में रखा जाने वाला छोटा स्तंभ - यूणाओ होति
वियली' ( निभा ४२६८) ।
 
) ।
वियाउया -- पैर फटना, बिवाई - 'सीतेण वि पव्वीसु वियाउआसु फुट्टंती सु
खल्लगादि पुडगे बंधति' ( निचू ३ पृ २३ ) ।
 

विवार -- १ विस्तीर्ण - 'सवियारो त्ति वित्थिन्नो' ( बृभा २०२२ चू) ।
) । २ शौच - -स्थान ( निचू १ पृ ४४) ।
 
) ।
वियाल -- संध्या - 'वियाले त्ति सन्ध्यायाम्' ( विपाटी प ६६ ) ।
९ ) ।
वियावड -- आकुल ( ओटी प १३८ ) ।
 

वियावत्त -- जीर्णशीर्ण, अपरिलक्षित-विधावत्तं नाम अव्यक्तमित्यर्थः, भिन्न-
पडियं अपागडं' ( आवहाटी १ पृ १५२ ) ।
 

विरमालिय -- प्रतीक्षित ( पा ५७० ) ।
 
-
 
विरय –

विरय --
१ लघु स्रोत वाला जलाशय जो सोलह हाथ विस्तृत होता है। नदी
या महागर्त में इसका संकुचन तीन हाथ विस्तृत होता है
(
( व्यमा ४३ टी ) । २ छोटा जल-प्रवाह ( दे ७३९) ।
 
) ।
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विरलि–वस्त्रविशेष, डोरिया ( प्रसाटी प १६१ ) ।
९१ ) ।
विरली - चतुरिन्द्रिय प्राणी विशेष ( उ ३६।१४७ ) ।

विरल्लिअ - जलार्द्र, जल से भीगा हुआ (दे ७।७१) ।

विरल्लित - विकीर्ण, विस्तारित (स्था ४।५७७) ।

विरल्लिय–विस्तारित - 'जह उल्ला साडीया आसुसुं सुक्कइ विरल्लिया संती'
(
( विभा
 

 
विरस - वर्ष (दे ७६२) ।
 

 
विरसमुह – काक, क
 

 

विरह – १ एकान्त (विपा १३१; दे ७/९१ ) । २ कुसुंभ रंग से रंगा हुआ
 
-
 
वस्त्र (
 

 
विरहाल-कुसुंभ रंग से रंगा हुआ वस्त्र ( दे ७:६८) ।

विराय – विलीन, पिघल हुआ (पा ८०२) ।
 
-
 

 
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