2023-04-10 09:08:32 by श्री अयनः चट्टोपाध्यायः

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मकण्णी -- कान का आभूषण-
विशेष ( अंवि पृ ७१ ) ।

मकरिय -- वाद्य-विशेष ( नि १७१३८ ) ।

मकसक -- सूखा क्षेत्र ( अंदि पृ १६२ ) ।
 

मक्कड
 
-
 
-- जाल बुनने वाला कीड़ा ( दे ६ । ११६।११९ वृ ) ।
 

मक्कडबंध -- स्वर्णसूत्र से निर्मित गले का आभरण- विशेष जो जनेऊ की भांति
बाएं कंधे के ऊपर तथा दाएं कंधे के नीचे पहना जाता है
(
( दे ६।१२७) ।
 
-
 
) ।
मक्कोड -- यंत्र से गुंफित करने के लिए किया जाने वाला ढेर - मक्कोडो
यन्त्रगुम्फनार्थं राशिश्च' ( दे ६१४२ वृ ) ।
 

मक्कोडग -- चींटा, मकोड़ा ( आचू पृ २० ) ।

मक्कोडय -- मकोड़ा, चींटा ( ओनि ५५८)।
) ।
मक्कोडा -- ऊर्जापिपीलिका, मकडी ( दे ६१४२ ) ।

मगइय -- हाथ से फेंका जाने वाला पाश ( विपा १३ । ४३ ) ।

मगदंतिगा -- मालती ( दअचू पृ १२८)।
 
मगवं
) ।
मगदं
तिया -- १ मालती ( द ५१२१।२।१४ ) । २ मोगरा । २ मल्लिका ( बेला )
( अचू पृ १२८; हाटी प १८५) । ४ मेंहदी का गाँछ ।
 
-
 

मगरिग -- आभूषण- विशेष ( जीव ३५९३) ।
) ।
मगसक- -- चतुरिन्द्रिय जीव-विशेष ( अंकि पृ २३७ ) ।

मगसिर -- चतुरिन्द्रिय जंतु -विशेष ( जीवटी प ३२ ) ।

गहगधरच्छ – आभरण- विशेष ( औप ५१ टि) ।
) ।
मगा -- पश्चात् ( दे १४ वृ) ।
 
) ।
ग्ग -- पश्चात्, पीछे ( आवचू १ पृ ५६ ; दे ६॥१११ ) । मग- -- पीछे
( मराठी ) ।
 
देशी शब्दकोश
 

मग्गय -- पश्चात्, पीछे ( पा ९९४) ।
 
मं
) ।
ग्गइय -- हस्तपाशित, हाथ से फेंका जाने वाला फंदा ( विपाटी प ६२ ) ।
 

मग्गओ -- पीछे ( नंदी १३) ।
 
-
 
) ।
मग्गण्णिर -- अनुगमनशील ( दे ६१२४) 1
 
) ।
मग्गतो -- पृष्ठतः, पीछे से - अण्णयरे पुरिसे मग्गतो आगम्म'
( भ १३७० ) ।
 

ग्गमग्गी -- पीछे-पीछे ( आवहाटी १ पृ २५६ ) ।
९ ) ।
मग्गरिमच्छ -- एक प्रकार का मत्स्य ( प्रज्ञा १५६ ) ।
 
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