देशीशब्दकोश /388
This page has been fully proofread once and needs a second look.
भिडिभ
भिब्भिसमाण
भिमोर -- हिम का मध्य भाग ( ? ) ( प्रा २
-
भिरि
भिरिंड
(
भिरुइय
भिलंग -- १ धान्य विशेष, मसूर ( दश्रु ६।१८ ) । २म्रक्षण ( सूचू १ पृ ११६
भिलंगाय
भिलिंग
भिलिंगाय
(
३१८
भिलिंजाय
भिलुंग
भिलुगा
(
भिलुया
भिलुहा
भिल्लिरी -- मछली पकड़ने का एक प्रकार का जाल ( विपा १
भिल्लुगा
भिसंत
भिसमाण -- दीप्यमान ( ज्ञा १।१।८९
भिसरा -- जाल
भिसिगा
भिसिया -- बृसी, ऋषि का आसन ( भ २।३१; दे ६।१०५ ) ।
भिसोल
भोराहि -- सर्प की जाति
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org