देशीशब्दकोश /359
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पो
पुअंड
पुआइ
पुआइणी -- १ भूताविष्ट महिला, पिशाचगृहीता ( दे ६
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पुंजाय --
पुंडइअ -- पिंडीकृत, एकत्रित ( दे ६।५४
पुंडे
पुंढ
पुंपुअ -- संगम ( दे ६।५२) ।
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पुंफली -- वल्ली-विशेष ( भटी पृ १४८३ ) ।
पुंसुलिया -- पार्श्व की हड्डी - 'तह छ पुंसुलिए होइ कडाहे' ( प्रसाटी प ४०३ ) ।
पुक्कली -- देश-विशेष की दासी ( भ ९।१४४ पा ) ।
पुक्का -- जोर से आवाज करना, पुकारना ( पा ६२१ ) ।
पुक्कार -- आवाज ( जीभा १७२२ ) ।
पुक्खर
पुंफली – वल्ली विशेष (भटी पृ १४८३ ) ।
पुंसुलिया -- पार्श्व की हड्डी – तह छ पुंसुलिए होइ कडाहे' (प्रसाटी प ४०३)
पुक्कली – देश-विशेष की दासी ( भ ६।१४४ पा) ।
पुक्का - जोर से आवाज करना, पुकारना (पा ६२१) ।
देशी शब्दकोश
पुच्चड — अत्यन्त सघन ( प्र १ । २३ ) ।
पुच्छलक – कंठ का आभूषण- विशेष (अंवि पृ १६२) ।
पुच्छिय – धान्य-भाजन- विशेष (आवहाटी १ पृ २६० ) ।
पुट्ट - उदर, पेट ( प्रसा८८०) ।
पुक्खलग -- जल में होने वाली वनस्पति
पुक्खल
पुगारिया
(
उ
पुच्चड -- अत्यन्
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पुच्छलक -- कंठ का आभूषण-विशेष ( अंवि पृ १६२ ) ।
पुच्छिय -- धान्यभाजन-विशेष ( आवहाटी १ पृ २९० ) ।
पुट्ट -- उदर, पेट ( प्रसा ८८० ) ।
पुट्टलिका
पुट्ठ
पुडइअ
पुडइणी
पुडग
पुडपुडि
पुडाली
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