देशीशब्दकोश /358
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पिहूण -- मोरपंख ( द ४।२१ ) ।
पिहण
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पिहुणहत्थ
पिहुल -- मुंह से पवन भरकर बजाया जाता एक प्रकार का तृण-वाद्य
(
पिहोअर -- कृश ( दे ६।५० ) ।
पो
पीइ -- तुरंगम, अश्व ( दे ६।५१ ) ।
पो
पीडरइ
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पीडोलक -- लता-विशेष ( अंवि पृ ३० ) ।
पोडोलक
पो
पीढ - १
पीढमद्द -- १ मुंह पर मीठा बोलने वाला - 'पीठमर्दा नाम मुखप्रिय जल्पाः'
( आवचू १ पृ २४५ ) । ४ महान् राजा -
परिकिष्णो पीढमद्देहि' (आवभा ६९; टी पृ १२१ ) ।
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'-
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पीढमुद्द
पो
पीण -- चतुष्कोण ( दे ६।५१
पो
पीणक
पो
पीणाइय -- गर्व से किया हुआ -
पोनां
पीनाया -- गर्व, हठ ( ज्ञाटी प ७३ ) ।
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२८६
पो
पीरव्वायणी
पीरि
पीलु -- दूध-दुद्धं पओ पीलु खीरं च ( पिनि १३१
पीलुट्ठ
पो
पीहग --
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