2023-04-04 11:30:31 by श्री अयनः चट्टोपाध्यायः

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देशी शब्दकोश
 
पसवडक्क -- विलोकन, देखना ( दे ६३० ) ।
 

पसाइया- -- पत्तों की बनी हुई एक प्रकार की पगडी जिसे भील सिर पर पहनते
हैं (दे ६।२) ।
 
दे ६।२ ) ।
पसाणग -- उपकरण -विशेष ( अंवि पृ १९३ ) ।

पसिंडि -- सोना, स्वर्ण ( पा ८० ) ।
 

पसिय ~-- सुपारी ( भ २२२ पा; दे ६।६ )

पसिव्विका -- थैली का एक प्रकार ( अंवि पृ १७८ ) ।

पसुत्ति -- एक प्रकार का कुष्ठरोग ( निचू ३ पृ ३९२ ) ।

पसुहत्त -- वृक्ष ( दे ६।२६) ।
 
९ ) ।
पसूअ -- कुसुम, पुष्प ( दे ६।६ ) ।
 
९ ) ।
पसूइ -- धान्य-
प-
विशेष - 'सालि पसूई व गद्दर्भिया य छिन्ना'

( आवहाटी १ पृ २९०) ।

पसेवअ -- ब्रह्मा (दे ६।२२ ) ।
दे ६।२२ ) ।
पसेव्वक -- थैला ( अंवि पृ २२१ ) ।
 
परिस

पस्सि
ण्ण -- पसीने से गीला - 'तिलगो से खमगललार्डडं परिसण्णं संकतो'
(
( दअचू पृ २५ ) ।
 

पहएल्ल -- अपूप, पूआ ( दे ६।१८ ) ।
 

पहकर -- समूह- पहकरो त्ति देशीशब्दोऽयं समूहवाची' ( जंबूटी प १४५) ।
) ।
पहगर -- जलजंतु- विशेष
-
- 'जलचर
पहगर-परिहत्ग-मच्छपरिभुज्जमाणजल-
संचयं ' ( दश्रु ३०) ।
 
) ।
पहट्ट –ठ -- १ दृप्त, उन्मत्त ( तंदु पृ ४५ ; दे ६॥६।९ ) । २ अचिरतर दृष्ट ।

पहण -- कुल ( दे ६।५) ।
 
) ।
पहणि -- सामने आए हुए का निरोध, रुकावट ( दे ६५ ) ।

पहद -- सदा दृष्ट, सदा देखा हुआ ( दे ६१० ) ।
 
-
 

पहम्म -- १ देवताओं द्वारा खोदा हुआ ( दे ६११ ) । २ खात जल-कुण्ड ।
३ विवर, छिद्र - मणिपहम्म' - मणिमयं विवरं यद्वा मणीनां प्रथमः
खात इति देशी' ( से ।४३) ।
 
) ।
पहयर -- समूह, निकर ( दे ६।१५ ) ।
पहिअ
 
पहयर – समूह, निकर (दे ६।१५) ।
-- मथित, विलोड़ित ( दे ६ । ६ ) ।
 
-
 
।६ ) ।
पहेण - - १ विवाह के समय वधू के पीहर
 
-
 
२७६
 
(
( पितृगृह ) में किया जाने वाला
भोज । २ अन्य घरों में ले जाई जाने वाली भोजन-सामग्री । ३ जो
 
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