2023-03-30 16:10:28 by श्री अयनः चट्टोपाध्यायः

This page has been fully proofread once and needs a second look.

देयड -- चर्मकार ( प्रज्ञा १।९७ ) ।
देवउप्फ -- पका हुआ पुष्प, पूर्ण विकसित फूल ( दे ५।४९ ) ।
देवड -- १ चर्मकार ( जीभा ४२५ ) । २ पुजारी ( अंवि पृ १६० ) ।
देवडिंगर -- वह सार्वजनिक स्थान जहां देवताओं की स्थापना की जाती है; एक प्रकार का मंदिर ( व्यभा ७ टी प ४१ ) ।
देस -- एक, दो या तीन प्रसृति का नाप - 'एक्का पसति दो वा तिण्णि वा पसतीतो देसो भण्णति' ( निचू ३ पृ ४६५ ) ।
देसराग -- जिस देश में जो रंगने की विधि हो उससे रंगा जाने वाला वस्त्र - 'जत्थ विसए जा रंगविधी ताए, देसे रत्ता देसरागा' ( निचू २ पृ ३९९ ) ।
देसियमेली -- व्यापारी - मंडल - 'स तत्थ देसियमेलीए गओ' ( कु पृ ६५ ) ।
देसी -- अंगूठा - 'देशीत्यङ्गुष्ठोऽभिधीयते,' 'देसी पोरपमाणा' ( व्यभा टी प ४ ) ।
देहंबलिया -- भिक्षावृत्ति - 'गेहंगेहेणं देहंबलियाए वित्तिं कप्पेमाणी विहरइ' ( ज्ञा १।१६।२९ ) ।
देहणी -- पंक, कर्दम ( दे ५।४८ ) ।
देहमाण -- देखता हुआ ( भ ९।१४७ ) ।
देहवच्च -- गोत्र-विशेष ( अंवि पृ १५० ) ।
देहिय -- देखकर ( सू १।२।३ ) ।
दोआल -- वृषभ ( दे ५।४१)।
दोग्ग -- युगल ( दे ५।४९ ) ।
दोघट्ट -- हाथी ( पा ९ ) ।
दोच्च -- चोर आदि का भय - 'दोच्चं ति चौरादिभयम्' ( बृभा ३८६५ टी ) ।
दोच्चंग -- १ पकाया हुआ शाक ( बृभा ८०१ ) । २ तीमन ( ओभा २९७ ) ।
दोट्टग -- छिलका उतारा हुआ फल का गुदा - भाग - 'दोट्टगं छल्लीमोयगं' ( आचू पृ ३६७ ) ।
दोड्ढिय -- तुम्बा ( व्यभा १० टी प ६३ ) ।
दोणअ -- १ गांव का मुखिया, गांव का अधिकारी, आयुक्त ( दे ५।५१ ) । २ हल चलाने वाला ( वृ ) ।
दोणक्का -- सरघा, मधुमक्खी ( दे ५।५१ ) ।
दोण्णक -- दोना, पत्तों का पुडवा ( व्यभा ४।२ टी प ८४ ) ।