2023-03-08 10:39:52 by श्री अयनः चट्टोपाध्यायः

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चमढेत्ता -- तिरस्कार कर - 'चमढेत्ता गओ - तिरस्कृत्य गतः' ( आवहाटी १ पृ १३६ ) ।
चम्मडिल -- पक्षी-विशेष ( अंवि पृ २२६ ) ।
चम्मरुक्ख -- पुरुष - 'दवावेसु इमस्स चम्मरुक्खस्स दीणाराणं अद्धलक्खं' ( कु पृ ३२ ) ।
चम्मिरा -- मत्स्य-विशेष ( अंवि पृ २२८ ) ।
चम्मिराज -- मत्स्य-विशेष ( अंवि पृ २२८ ) ।
चम्मेट्ठ -- व्यायाम में काम आने वाला उपकरण मुद्गर आदि ( भटी पृ १४१३ ) ।
चरक्खा -- पशु-विशेष ( दश्रु ७।२४ ) ।
चरु -- १ नाम, आख्या ( निचू ३ पृ २२५ ) । २ मंत्रित खाद्य-विशेष - 'मा मम पुत्तोवि एवं नासउत्ति तीए खत्तियचरू जिमिओ' ( आवहाटी १ पृ २६१ ) । ३ चरु पात्र में तैयार किया गया चावल आदि द्रव्य जो बलि के काम आता है ( निरटी पृ ३२ ) ।
चरुग -- १ नाम, आख्या ( निभा ३४९० ) । दाणरुई सड्ढो वा णिवेयणचरुववदेसं कातुं साधूण देति' ( चू ३ पृ २२५ ) । २ मंत्रित खाद्य-विशेष - 'अहं ते चरुगं साहेमि जेणं ते पुत्तो बंभणस्स पहाणो होहिति' ( आवहाटी १ पृ २६१ ) ।
चरुल्लेव -- नाम, आख्या ( दे ३।६ ) ।
चरेडिया -- छेना ( नंदीटि पृ १८२ ) ।
चलणि -- पैर तक लगने वाले कीचड़ का स्थान - पंकबहुला पणगबहुला चलणिबहुला' ( भ ७।११८ ) ।
चलणिया -- उपकरण-विशेष ( पंव ७८२ ) ।
चलणी -- पैरों का स्पर्श करने वाला कीचड़ - 'चलनी चरणमात्रस्पर्शी कर्दम:' ( जीवटी प २९२ ) ।
चलिका -- फल-विशेष ( अंवि पृ ७० ) ।
चल्ल -- चरण ( अंवि पृ ६० ) ।
चवग -- भट्टी - 'महल्ले चवगे चुल्लीसु य दहंति ( सूचू १ पृ १२५ ) ।
चवचव -- चबाते समय होने वाली 'चव-चव' की आवाज ( भ ७।२५ ) ।
चवलग -- धान्य-विशेष ( दमचू पृ १४० ) ।
चवलय -- धान्य-विशेष ( दश्रुचू प ३८ ) ।