2023-03-07 18:24:48 by श्री अयनः चट्टोपाध्यायः

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घंघसाला -- १ अनाथालय ( निचू २ पृ १८ ) । २ कार्पटिक भिक्षुओं का आवास स्थल ( आवचू २ पृ २३० ) ।
घंघोर -- भ्रमणशील ( दे २।१०६ ) ।
घंसा -- भूमि की रेखा ( जीवटी प १५२ ) ।
घंसिय -- गाड़ी, यान ( निचू ४ पृ १११ ) ।
घंसिया -- गाड़ी ( बूटी पृ ८६४ ) ।
घग्गर -- घाघरा, स्त्रियों का वस्त्र-विशेष ( निचू ४ पृ १४३; दे २।१०७ ) ।
घच्चण -- उपमर्दन ( ओनि १६८ ) ।
घट्ट -- १ कुसुंभ रंग से रंगा हुआ वस्त्र । २ नदी का घाट । ३ वेणु, बांस ( दे २।१११ ) ।
घड -- मित्र, समवयस्क ( निचू ३ पृ ४९८ ) ।
घडभोज्ज -- गोष्ठी, मंडली - 'घडभोज्जं नाम महत्तरग-अणुमहत्तरग-ललिता-सणिता कडुगदंड-धारपरिग्गहिता गोट्ठी' ( दश्रुचू प ५० ) ।
घडा -- गोष्ठी ( निभा ११७५ ) ।
घडाभोज्ज -- गांव-प्रधान और अनुप्रधान द्वारा गांव के बाहर दिया जाने वाला भोज ( व्यभा १० टी प ९ ) ।
घडिअघडा -- गोष्ठी ( दे २।१०५ ) ।
घडिगा -- घंटी, बच्चों का खिलौना-घडिगा णाम कुंडिल्लगा चेडरूवरमणिका' ( सूचू १ पृ ११८ ) ।
घडिया -- गोष्ठी ( नंदीटि पृ १४२ ) ।
घडी -- गोष्ठी ( दे १।२०५ ) ।
घडुल्लय -- घडा ( दअचू पृ ११२ ) ।
घडोपल -- चतुष्पद परिसर्प-विशेष ( अंवि पृ २२६ ) ।
घढ -- टीला, स्तूप ( पा ९५६ ) ।
घण -- छाती, वक्षस्थल ( बृभा ६१६८ ) ।
घणघणाइय -- अनुकरणवाची शब्द, रथ की आवाज ( भटी पृ ८८७ ) ।
घणपिच्छिलिका -- आभूषण-विशेष ( अंवि पृ ७१ ) ।
घणवाहि -- इन्द्र ( दे २।१०७ ) ।
घणसंताण -- जाल का कीड़ा, मकड़ा ( पंक २७४ ) ।
घण्ण -- १ वक्षस्थल । २ रंगा हुआ ( दे २१०५ ) । ३ घात्य, मार डालने योग्य ।
घतण -- भांड, विदूषक ( बुभा ६३२५ ) ।