This page has not been fully proofread.

देशी शब्दकोश
 
गोंदीण - मोर का पित्त (दे २१९७) ।
गोकिलंज - पात्र विशेष (भटीप ३१३ ) ।
 
-
 
गोकिलिंज - गाय को चारा आदि खिलाने के लिए बांस का बना हुआ
भाजन- विशेष ( भ ७३१५६ ) ।
 
गोखलक -- गवाक्ष (व्यभा ३ टी प ६३ ) ।
गोच्चअ - कोड़ा (दे २१६७ ) ।
 
गोच्चिय - राज्य का अधिकारी, कोतवाल (पिटी प ६६ ) ।
गोच्छणव – १ कृषि का उपकरण- विशेष । २ खाद ( इ २६११) ।
गोच्छ्य – मुनि का एक उपकरण जो पात्र तथा वस्त्र का प्रमार्जन करने के
काम आता है- 'होइ पमज्जणहेउं तु गोच्छओ भागवत्थाणं'
( पंव ८०० ) ।
 
-
 
गोच्छा - मंजरी ( दे २१६५ ) ।
 
गोज्ज – १ गायक (जीभा ६१४) । २ शारीरिक दोष वाला बैल ।
गोज्झ–नाटक, नृत्य - विशेष - गोज्झपेक्खिया-तुत्यविशेष प्रेक्षकाः'
(आवहाटी १ पृ ६२) ।
 
गोज्झ विखणी – स्वामिनी ( बृ टी पृ १५०६)।
 
गोटू-आभीरपल्ली (कु पृ ७७ ) ।
 
गोट्ठग
 
--
 
— मित्र- 'गोट्ठगेहि लड्डुगा सामण्णं कता' (निचू ३ पृ ४३७) ॥
गोट्ठिय – मित्र (निचू ३१२८४ ) ।
गोट्ठी - मित्र (निचू ३ पृ २८४ ) ।
 
गोडी - मिट्टी की गुटिका - गोडीए घडो भिण्णो' (दअचू पृ ४४ ) ।
गोड्डु — १ गुड़ से बनी मिठाई (भ १८।१०७) । २ घुटना (आवचू १)
गोड्डिका - गेंद खेलने की लकड़ी जो अन्त में मुड़ी हुई होती है
( प्रसा ४३५ ) ।
 
गोण – १ गाय ( प्रज्ञा १९६४) २ बैल (इ २६।१२; दे २११०४) ।
३ साक्षी (दे २११०४) ।
 
गोणक – पात्र विशेष ( उपाटी पृ १०१ ) ।
गोणपोतल-बछड़ा ( आवहाटी १ पृ १३२) ।
गोणिक्क — गायों का समूह ( दे २१९७) ।
 
गोणिय - गौओं का व्यापारी ( व्यभा है टीप ५ ) ।
 
-
 
गोणी – १ गाय (पिनि २२४ ) । २ पात्र विशेष (उपाटी पृ १०१) ॥
 
Jain Education International
 
For Private & Personal Use Only
 
www.jainelibrary.org