देशीशब्दकोश /221
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गुलुइय – गुल्मित, लताओं से युक्त ( भ ११५०) ।
-
गुलुगुंछिअ – १ बाड से व्यवहित ( दे २१६३ ) । २ उन्नमित ( वृ ) ।
( उसुटी प ६४ )।
गुलुगुलिय - हाथी की चिंघाड़
गुलुच्छ--१ घुमाया हुआ ( दे
गुवित - क्षुब्ध, उद्वेलित (स्था ३३४६५ ) ।
गुविल — १ गहन, सघन (बृभा
गुविलं' (महा ४४ )
(
२।१२ ) । २ गुच्छा (पा ३४७ ) ।
देशी शब्दकोश
६४८६) । २ जंगल - 'जर-मरण-चउग्गई-
३ चीनी से निष्पन्न वस्तु ।
गुहा–१ समवाय, साधुओं का समूह । २ उपाश्रय - 'गुहास्तु समवायाः
प्ररूपणगुहा वा गृह्यन्त इति ' ( नंदीटी पृ ९) ।
गुहिर — गम्भीर (पा ३२३) ।
गेंठ अ - स्तन के ऊपर के वस्त्र की गांठ ( दे २।६३) ।
गेंठुल्ल – कञ्चुक, चोली (दे २१९४) ।
गेंड- --स्तन के ऊपर की वस्त्र - ग्रन्थि ( दे २१६३ ) ।
गेंडुई – क्रीडा (दे २१६४) ।
गेज्ज - मथित ( दे २१८८ ) ।
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गेज्जल – कंठ का आभूषण ( दे २१६४)।
गेड्ड – १ पंक, कर्दम । २ यव (दे २॥ १०४) ।
-
गेव्हिअ—मुक्ता- माला जो छाती पर लटकती है (दे २१६४) ।
गेल्लि – हौदा (भटीप १८७ ) ।
गेहि — आसक्ति, गृद्धि ( आ ६ । ३७ ) ।
गोअंट — १ गाय के चरण (दे २१६८) । २ जमीन पर उगने वाले सिंघाड़े -
'गोअंटी स्थलशृंगाट इत्यन्ये ( वृ ) ।
गोअग्गा – गली ( दे २१६६) ।
गोअला दूध बेचने वाली (दे २१६८ ) ।
गोआ - छोटा घड़ा, गगरी (दे २१८६) ।
गोआलिआ - - वर्षा ऋतु में होने वाला कीट- विशेष ( दे २१६८ )।
गोंजी – मंजरी ( दे २१६५ ) ।
-
गोंठी -- मंजरी ( दे २१६५) ।
गोंड – कानन, वन ( दे २१६४ ) ।
गोंडी – मंजरी, मांजर ( दे २१६५ ) ।
गोंदी – मंजरी ( कु पृ ३२ ) ।
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गुलुइय – गुल्मित, लताओं से युक्त ( भ ११५०) ।
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गुलुगुंछिअ – १ बाड से व्यवहित ( दे २१६३ ) । २ उन्नमित ( वृ ) ।
( उसुटी प ६४ )।
गुलुगुलिय - हाथी की चिंघाड़
गुलुच्छ--१ घुमाया हुआ ( दे
गुवित - क्षुब्ध, उद्वेलित (स्था ३३४६५ ) ।
गुविल — १ गहन, सघन (बृभा
गुविलं' (महा ४४ )
(
२।१२ ) । २ गुच्छा (पा ३४७ ) ।
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६४८६) । २ जंगल - 'जर-मरण-चउग्गई-
३ चीनी से निष्पन्न वस्तु ।
गुहा–१ समवाय, साधुओं का समूह । २ उपाश्रय - 'गुहास्तु समवायाः
प्ररूपणगुहा वा गृह्यन्त इति ' ( नंदीटी पृ ९) ।
गुहिर — गम्भीर (पा ३२३) ।
गेंठ अ - स्तन के ऊपर के वस्त्र की गांठ ( दे २।६३) ।
गेंठुल्ल – कञ्चुक, चोली (दे २१९४) ।
गेंड- --स्तन के ऊपर की वस्त्र - ग्रन्थि ( दे २१६३ ) ।
गेंडुई – क्रीडा (दे २१६४) ।
गेज्ज - मथित ( दे २१८८ ) ।
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गेज्जल – कंठ का आभूषण ( दे २१६४)।
गेड्ड – १ पंक, कर्दम । २ यव (दे २॥ १०४) ।
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गेव्हिअ—मुक्ता- माला जो छाती पर लटकती है (दे २१६४) ।
गेल्लि – हौदा (भटीप १८७ ) ।
गेहि — आसक्ति, गृद्धि ( आ ६ । ३७ ) ।
गोअंट — १ गाय के चरण (दे २१६८) । २ जमीन पर उगने वाले सिंघाड़े -
'गोअंटी स्थलशृंगाट इत्यन्ये ( वृ ) ।
गोअग्गा – गली ( दे २१६६) ।
गोअला दूध बेचने वाली (दे २१६८ ) ।
गोआ - छोटा घड़ा, गगरी (दे २१८६) ।
गोआलिआ - - वर्षा ऋतु में होने वाला कीट- विशेष ( दे २१६८ )।
गोंजी – मंजरी ( दे २१६५ ) ।
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गोंठी -- मंजरी ( दे २१६५) ।
गोंड – कानन, वन ( दे २१६४ ) ।
गोंडी – मंजरी, मांजर ( दे २१६५ ) ।
गोंदी – मंजरी ( कु पृ ३२ ) ।
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