2023-03-07 11:33:06 by श्री अयनः चट्टोपाध्यायः

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गहण -- १ निर्जल प्रदेश ( आचूला ३।४८; दे २।८२ ) । २ धरोहर ।
गहणी -- बलात् अपहृत स्त्री ( दे २।८४ ) ।
गहर -- गृध्र, गीध पक्षी ( प्रज्ञा १।७९ ; दे २।८४ ) ।
गहवइ -- १ ग्रामीण । २ चन्द्र ( दे २।१०० )।
गहिअ -- मोड़ा हुआ, टेढा ( दे २।८५ ) ।
गहिआ -- १ कामभोग के लिए इष्ट स्त्री ( दे २।८५ ) । २ ग्रहण करने योग्य स्त्री ।
गहिक -- गोत्र-विशेष ( अंवि पृ १५० ) ।
गहिल्ल -- पागल, भूताविष्ट ( आचू पृ ३३७ ) ।
गाअ -- गाय- 'तहेव गाओ दुज्झाओ' ( द ७।२४ ) ।
गागर -- १ स्त्री का परिधान विशेष, घाघरा ( प्र ४।१४ ) । २ मत्स्य विशेष ( प्रज्ञा १।५६ ) ।
गागरक -- मत्स्य की एक जाति ( अंवि पृ ६३ ) ।
गागरी -- गगरी, कलशी - 'दोससयगागरीणं' ( तंदु १६१ ) ।
गागेज्ज -- मथित ( दे २।८८ ) ।
गागेज्जा -- नवोढ़ा, नवपरिणीता ( दे २।८८ ) ।
गाडिअ -- विधुर ( दे २।८३ ) ।
गाणी -- गवादनी - 'गायों के खाने के लिए घास, भूसा आदि रखने का बड़ा बर्तन या गोचर भूमी' ( दे २।८२ ) ।
गाधा -- घर - 'गाधा गृहमित्येकोऽर्थः इति चूणौ' ( बृटी पृ ७८८ ) ।
गामउड -- ग्राम-प्रमुख ( निचू २ पृ ५७; दे २।८९ ) ।
गामगोह -- गांव का मुखिया, ग्राम प्रधान ( दे २।८९ ) ।
गामचडय -- गांव का अधिकारी ( कु पृ १३ ) ।
गामणिसुअ -- ग्राम प्रधान, गांव का मुखिया - 'गामणिसुअशब्दोऽपि ग्रामप्रधानवाचीत्यन्ये' ( दे २।८९ वृ ) ।
गामणी -- गांव का मुखिया, ग्राम प्रधान ( दे २।८९ ) ।
गामापिंडोलग -- ग्रामभिक्षु, भिखारी ( आ ९।४।११ ) ।
गामरोड -- छल से गांव का मुखिया बन बैठने वाला, गांव के लोगों में फूट डालकर गांव का उपभोग करने वाला ( दे २।९० ) ।
गामवोद्रह -- गांव का युवक-अधिकारी ( कु पृ ५२ ) ।
गामेणी -- बकरी ( दे २।८४ ) ।