2023-03-07 09:59:00 by श्री अयनः चट्टोपाध्यायः

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गडगड -- चिंघाड, हाथी की आवाज ( जीवटी प २४७ ) ।
गडयडी -- वज्रनिर्घोष, मेघ की गड़गड़ाहट ( दे २।८५ ) ।
गडु -- स्तन, कुच ( उसुटी प १३२ ) ।
गडुअय -- काष्ठपात्र - 'मत्तो दगवारगो गडुअओ' ( निचू ३ पृ ३४३ ) ।
गडुक -- लघु कलश ( उपाटी पृ १८७ ) ।
गडुल -- चावल आदि का धावनजल ( प्रसाटी प ४९ ) ।
गडूल -- अलसिया, शिशुनाग - 'अलसो त्ति वा गडूलो त्ति वा सुसुणागो त्ति वा एगट्ठं' ( निचू १ पृ ६६ ) ।
गड्डु -- १ गढा, गर्त्त ( भटी पृ १२५५ ) । २ शकट, गाड़ी ।
गड्डुक -- गाड़ी ( अनुद्वामटी प १४६ ) ।
गड्डरक -- भेड़ ( पिटीप २१ ) ।
गड्डरा -- भेड़ - 'उण्ण त्ति लाडाणं गड्डरा भण्णंति' ( निचू २ पृ २२३ ) ।
गड्डरिका -- १ भेड़ ( आटी प २२४ ) । २ कीट-विशेष ( जीवटी प १८७ ) ।
गड्डरी -- १ बकरी ( दे २।८४ ) । २ भेड़ ।
गड्डिक -- गाड़ी वाला ( अंवि पृ ६२ ) ।
गड्डिया -- गाड़ी ( जीचू पृ १७ ) ।
गड्डी -- गाड़ी, शकट ( आचू पृ ३५०; दे २।८१ ) ।
गड्डुय -- घड़ा ( दजिचू पृ १८१ ) ।
गड्ढ -- १ गढा ( भ ३।९५ ) । २ शय्या ( दे २।८१ ) ।
गढ -- दुर्ग, किला ( दे २।८१ ) ।
गणणाइआ -- चण्डी, पार्वती ( दे २।८६ ) ।
गणसम -- गोष्ठी में लीन ( दे २।८६ ) ।
गणायमह -- विवाह-गणक, विवाह का मुहूर्त्त आदि बताने वाला ज्योतिषी ( दे २।८६ ) ।
गणिकाखंसक -- कर्माजीवी-विशेष ( अंवि पृ १६० ) ।
गणियार -- समान शरीर वाले - 'गणियार त्ति गणिकाकारा: समकाया:' ( ज्ञाटी प ७४ ) ।
गणेत्तिया -- कलई में पहनी जाने वाली रुद्राक्ष की माला- 'जन्नोवइय-गणेत्तिय-मुंजमेहलावागलधरे-गणेत्रिका रुद्राक्षकृतं कलाचि-काभरणं' ( ज्ञा १।१६।१८५ टी प २२७ ) ।
गणेत्ती -- अक्षमाला ( दे २।८१ ) ।