2023-03-02 15:21:35 by श्री अयनः चट्टोपाध्यायः

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कोंटल -- १ शकुन आदि की सूचना ( ओभा २२१ ) । २ जादू-टोना ( दश्रुचू प ७६ ) ।
कोंटलय -- १ ज्योतिष संबंधी सूचना । २ शकुन आदि निमित्त संबंधी सूचना - 'पउंजणे कोंटलयस्स य' ( ओभा २२१ ) ।
कोंटलवेंटल -- जादू-टोना- 'कोटलवेंटलेण कार्मणवशीकरणादिना' ( आवहाटी १ पृ १२९ ) ।
कोंटि -- शस्त्र-विशेष - 'कोंटिं आभामिऊणं पहाविओ' ( कु पृ ४७ ) ।
कोंड -- गोत्र-विशेष ( अंवि पृ १४९ ) ।
कोंडइल -- पक्षि-विशेष ( निचू ३ पृ २६० ) ।
कोंडलिआ -- १ कुत्ते को बींधने वाला जंतु-विशेष, साही ( दे २।५० ) । २ कीट (वृ ) ।
कोंडल्लु -- उल्लू ( दे २।४९ ) ।
कोंडिअ -- ग्रामनिवासी लोगों के संगठन को छिन्न-भिन्न कर छल-कपट से गांव की उपज का उपभोग करने वाला ग्राम-भोक्ता ( दे २।४८ ) ।
कोंढुल्लु -- उल्लू ( दे २।४९ ) ।
कोंतिय -- १ तृण-विशेष ( भ २१।१९ ) । २ शहद का एक प्रकार ( निचू २ पृ २३८ ) ।
कोक -- वृक-विशेष ( प्रटी प ९ ) ।
कोकंतिका -- लोमड़ी ( प्रटी प ९ ) ।
कोकंतिय -- लोमड़ी - 'शृगालाकृतिर्लोमटक:' ( आटी प ३३८ ) ।
कोकंतिया -- लोमड़ी ( प्रज्ञा १।६६ ) ।
कोकासित -- विकसित ( जीव ३।५९६ ) ।
कोकासिय -- विकसित ( प्र ४।७ ) ।
कोकि -- मादा पक्षि-विशेष ( अंवि पृ ६९ ) ।
कोक्कास -- इस नाम का एक व्यक्ति जिसने यंत्रमय कापोत बनाकर शालि उत्पन्न की थी ( व्यभा ५ टी प २० ) ।
कोक्कासिअ -- विकसित ( दे २।५० ) ।
कोच्चप्प -- झूठा हित ( दे २।४६ ) ।
कोच्चित -- शैक्ष, नया शिष्य - 'कोच्चितो नाम शैक्षकः' ( व्यभा ६ टी प १४ ) ।
कोच्छ -- गोत्र-विशेष ( अंवि पृ १४९ ) ।
कोच्छर -- दक्ष ( दे २।१३ पा ) ।