2023-03-02 14:31:16 by श्री अयनः चट्टोपाध्यायः

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कुरुमुयाग -- घर का एक उपकरण - 'उंमरो कुरुमुयागं उक्खलं मुसलं वा' ( आचू पृ ३६४ ) ।
कुरुय -- मायावी - 'णिंदा वा सा पसंसा वा पप्पाति कुरुए जगे' ( इ ४।२०) ।
कुरुल -- १ निर्दय । २ निपुण । ३ कुटिलकेश, घुंघराले बाल ( दे २।६३ ) ।
कुरुविंद -- तृण-विशेष ( प्र ४।७ ) ।
कुरुविल्ल -- केकड़ा ( पा ३०५ ) ।
कुलत्थ -- कुलथी, धान्य-विशेष ( जंबू २।३७ )।
कुलफंसण -- कुलकलंक ( दे २।४२ ) ।
कुलसंतइ -- चुल्हा, चुल्ली ( दे २।३९ ) ।
कुलिंगवच्छा -- चींटी के सदृश जीव-विशेष ( भटी पृ १३८९ ) ।
कुलिच्चग -- क्रूर ( दश्रुचू प २४ ) ।
कुलित -- घास काटने के लिए दो हाथ प्रमाण का छोटा काठ जिसके अंत में लोहे की दंती लगी रहती है - 'कुलितं णाम सुरट्ठाविसते दुहत्थप्पमाणं कट्ठं, तस्स अंते अयकीलगा, तेसु एगायओ एगाहारो य लोहपट्टी अडिज्जति, सो जावतियं दोव्वादि तणं तं सव्वं छिंदंतो गच्छति' ( निचू १ पृ ३१ ) ।
कुलिय -- खेत में घास काटने का छोटा काष्ठ (निभा ६० ) । देखें 'कुलित' ।
कुलीयंधक -- आभूषण-विशेष ( अंबिपृ १८३ ) ।
कुल्ल -- १ नितंब ( उसुटी प १३० ) । २ ग्रीवा, गला । ३ असमर्थ । ४ छिन्नपुच्छ, जिसकी पूंछ कट गई हो वह ( दे २।६१ ) ।
कुल्लग -- कुल्हा, पुतभाग ( निचू ३ पृ ३२३ ) ।
कुल्लड -- १ चुल्ली । २ छोटा पात्र ( दे २।६३ ) ।
कुल्लडय -- कुलडी, छोटा बरतन ( पा ७३९ ) ।
कुल्लडिका -- मिट्टी का खिलौना ( सूटी १ प ११८ ) ।
कुल्लरिअ -- हलवाई, मिठाई बनाने वाला ( दे २॥४१ ) ।
कुल्लरिका -- एक प्रकार की मिठाई ( प्रसाटी प ५१ ) ।
कुल्लुरी -- खाद्य-विशेष ( प्रसाटी प ५६ ) कुलेर ( गुज )।
कुल्लूरिक -- हलवाई ( आवहाटी १ पृ १८३ ) ।
कुल्ह -- शृगाल ( दे २।३४ ) ।
कुवण -- यष्टि, लाठी - 'कुवण त्ति लउडगो' ( निचू ३ पृ ५०१ ) ।
कुवणय -- यष्टि, लाठी ( बुभा ९१५ ) ।